डॉक्टर्स पर भरोसा करने वाले मरीज ऐसे मरीजों के एवज में जल्दी ठीक होते है जो डॉक्टर्स पर अपेक्षाकृत काम भरोसा करते है. एक जुलाई को डॉक्टर्स डे पर आईएमए ने देश भर में चिकित्सीय पेशे में दोबारा भरोसा बढ़ने की बात और जोर दिया है. आईएमए का कहना है कि एलोपैथी इलाज के प्रति लोगो में भ्र्म फ़ैलाने वाले नीम हकीमो के खिलाफ कार्यवाई की जानी चाहिए.
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल ने बताया कि हाल ही हुए एक अध्यन में देखा गया कि जो मरीज चिकित्षक पर भरोसा कर समय पर रक्तचाप की दवा लेते है उनका ब्लड प्रेशर ऐसे मरीजों के एवज में अधिक बेहतर देखा गया जो चिकित्षक पर भरोसा नहीं करते और समय पर दवा नहीं लेते है, चिकित्षक पर भरोसा करने वाले 93 प्रतिशत मरीज सही समय पर दवा लेते है जबकि 82 प्रतिशत मरीज चिकित्सक पर भरोसा नहीं करते और समय पर दवा नहीं लेते है, डॉक्टर अग्रवाल ने कहा मरीज और चिकित्सक के बीच का रिश्ता भरोसे पर टिका होता है और जिसके काम होने और मरीज चिकित्सक द्वारा दी गयी दवा के समय में मनमानी करने लगता है, ऐसे में मरीज की सेहत पर दवा का सही असर नहीं पड़ता. आईएमए द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में देखा गया की 90 प्रतिशत मरीज चाहते है की डॉक्टर इलाज करने से पहले अपना परिचय दे. इसके बाद विनम्रता से मरीज की बीमारी के बारे में पूछे, मरीज यह भी चाहते है की चिकित्सक मरीज से उसकी बीमारी के साथ ही जाँच रिपोर्ट के बारे में भी जानकारी दे जिससे मरीज आस्वस्त हो जाये की उन्हें जो इलाज दिया जा रहा है, उसकी उनको जानकारी है, डॉ अग्रवाल में बताया कि एक अच्छे डॉक्टर में तीन खासियत होनी जरूरी है. पहला उपलब्धता, दुसरा व्यव्हार तीसरा काबिलियत का होना जरूरी है, उपलब्धता के साथ ही डॉक्टर्स का मरीज के प्रति विनम्र होना भी बेहद जरूरी है, जिससे मरीज बेझिझक अपनी परेशानी चिकित्सक को समझा सके. आईएमए का कहना है कि मरीज को एक घंटे से अधिक इंतज़ार नहीं कराया जाना चाहिए और डॉक्टर्स खुद भी एक घंटे के अधिक देरी से न आये, आईएमए ने डॉक्टर्स द्वारा कही साडी बाते एक पर्ची पर लिखने के लिए भी कहा है, इसके साथ ही डॉक्टर्स को मरीज के इलाज की केस हिस्ट्री भी संभाल कर रखने के लिए कहा है. मालूम हो कि देश भर में एक जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है.