नई दिल्ली,
स्वच्छ समाज के लिए कचरा बीनने का महत्वपूर्ण काम करने वाले सफाई कर्मियों की देश में सामाजिक और आर्थिक स्थिति अधिक बेहतर नहीं है। दस में से छह सफाई कर्मी के पास अपने बैंक खाते नहीं हैं वहीं अधिकांश सफाई कर्मी अस्वास्थ्यकर अस्थाई जगहों या टीन शेड्स में रहने को मजबूर हैं। यूएनडीपी इंडिया (यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम इंडिया) ने इस विषय को लेकर एक विस्तृत विश्लेषण जारी किया है। 14 शहरों के 9300 सफाई कर्मचारियों से मिली जानकारी के आधार पर जारी किए गए विश्लेषण को अब तक का सबसे बड़ा आकलन माना जा रहा है, जिसे यूएनडीपी ने सफाई साथी नाम दिया है। कचरा बीनने वाले सफाई साथियों की स्थिति के विश्लेषण को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत द्वारा मंगलवार को औपचारिक रूप से जारी किया गया।