नई दिल्ली,
टीवी और बालीवुड की दुनिया के जाने माने अभिनेता सिद्धार्थ शुक्का का मात्र 40 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के मामलों में पिछले कई दिनों में बढ़ोतरी हुई है। इस संदर्भ में चिकित्सक गोल्डन ऑवर को अहम मानते हैं, इस अवधि में यदि मरीज को इलाज मिल जाएं तो जीवन बचाया जा सकता है। दिल्ली एनसीआर में आईसीएमआर और एम्स AIIMS की मदद से एक हेल्पलाइन मिशन दिल्ली एम्स संचालित की जा रही है जिसका सबको पता होना जरूरी है। इसके तहत 78 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले मरीज हृदयघात की अवस्था में आपात सहायता ले सकते हैं। हृदयघात के मरीजों के लिए शुरूआती 90 मिनट को गोल्डन ऑवर माना जाता है, जिसमें मरीज को इलाज उपलब्ध हो जाना चाहिए।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR और एम्स AIIMS के सहयोग से शुरू किए गए मिशन दिल्ली नाम की इस मुहिम के तहत एम्स और आईसीएमआर के 78 किलोमीटर तक के दायरे में आने वाले मरीजों को हृदयघात पर तुरंत सहायता दी जाती है। 25 अप्रैल 2019 में शुरू की गई स्कीम से अब तक 500 अधिक कॉल प्राप्त की जा चुकी हैं। इसमें 300 मरीजों को आपातकालीन चिकित्सीय सहायता दी जा चुकी है। दिल की दौरे के गंभीर 11 मरीजों का टीम ने घर जाकर इलाज किया।
आईसीएमआर द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार मिशन दिल्ली के स्टेमी हार्ट अटैक की स्थिति में टोल फ्री नंबर 14430 नंबर पर कॉल की जा सकती है, इसमें केवल हृदयघात के मरीजों को ही शामिल किया गया। टोल फ्री नंबर पर प्राप्त हुई कॉल पर एम्स से बाइक एंबुलेंस के साथ दो प्रशिक्षित नर्सों को मरीज की सहायता के लिए भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम समय लगे, इसलिए बाइक एंबुलेंस और टीम को हमेशा तैयार रखते है। 30 से 60 मिनट में मरीज को एम्स पहुंचाया जाता है, इसके बाद तुरंत इलाज शुरू हो जाता है। बाइक को इसलिए रखा गया है कई बार ट्रैफिक की समस्या होने के कारण चारपहिया एंबुलेंस को पहुंचने में अधिक देर होती है। बीते एक साल में स्टेमी हार्ट अटैक के 44 मरीजों को सहायता दी जा चुकी है। स्टेमी हार्ट अटैक दिल के दौरे की बेहद गंभीर अवस्था होती है, जिसमें धमनियों में 80 प्रतिशत ब्लाकेज हो जाता है। मिशन दिल्ली एम्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड कॉल में भी हमें बड़ी संख्या में लोगों के कॉल मिली, इसमें 11 मरीजों को टीम ने घर जाकर ठीक किया। दरअसल एम्स और आईसीएमआर के इस प्रयास के तहत दिल के मरीजों को निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत तुरंत इलाज देना है।
दिल का दौरा पड़ने के प्रमुख लक्षण
– सीने के बीचो बीच कसाव या दर्द महसूस होना
– शरीर के अन्य हिस्सों जैसे जबड़े गर्दन पीठ की तरफ दर्द जाता हुआ महसूस होना
– मन अशांत रहना, पसीना आना, सांस लेने में दिक्कत
– बेचैनी महसूस होना, मिचली आना या घबराहट होना
– सांस का तेज चलना, ऐसे में तुरंत सीपीआर दें