नई दिल्ली,
दिल्ली के बच्चों का दिल बीमार हो रहा है। इसे कैसे रोका जाए? इसका सामाधन खोज लिया गया है। कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया ने दिल की बीमारी से बचाव की जानकारी देने के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है। जिसे कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। एनसीईआरटी ने इसे स्वीकृत भी कर लिया है। दिल की अधिकांश बीमारियां क्योंकि डायबिटीज की वजह से होती है, इसलिए पाठ्यक्रम के दूसरे चरण में डायबिटीज को भी शामिल किया गया है।
कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. अशोक सेठ ने बताया कि पिज्जा बर्गर और जंक फूड बच्चों के दिल को बीमार कर रहा है। स्कूल कैंटीन में इनको प्रतिबंध करने की कोशिश की जा रही है। बावजूद इसके बच्चों को बीमारी की जानकारी देना अधिक जरूरी है। हेल्दी हार्ट विषय के रूप में शामिल एक अध्ययाय में बच्चों को जंक फूड, व्यायाम और फाइबर फूड के बारे में पढ़ाया जाएगा। गलत जीवन शैली से जुड़ी बीमारी की रोकथाम संबंधी पाठ्यक्रम को वैकल्पिक नहीं बल्कि अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। जिससे हर बच्चे को सुरक्षित दिल की जानकारी हो। डॉ. सेठ ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड के साथ ही अगले सत्र से इसे कोर्स में शामिल करने के लिए एनसीईआरटी से भी बात कर ली गई है। स्कूलों में शारीरिक श्रम के घंटे भी कम हो गए हैं, यह भी सिफारिश की गई है कि कंप्यूटर या अन्य किसी वैकल्पिक विषय के साथ पीटी या शारीरिक श्रम के पीरियड को शामिल न किया जाए। इससे बच्चे की स्कूल में ही 40 से 50 मिनट एक्सरसाइज हो जाती है।
कहां कितने बच्चे मोटापे के शिकार
शहर निजी स्कूल सरकारी स्कूल
दिल्ली 31.5 9.2
आगरा 24.5 5.3
जयपुर 15.4 5.4
मुंबई 33.9 8.4
नोट- सर्वे एनडॉक द्वारा आठ शहर के 50 हजार बच्चों पर जारी किया गया।
ताकि रहें बच्चों की सेहत आपके हाथ
-खाने में जंक फूड से करें परहेज, फाइबर युक्त हरी सब्जियां हैं बेहतर
-नाश्ते की शुरूआत हो हेल्दी खाने से, दूध के साथ फ्रूट जूस और स्पॉउट हैं कारगर
-खाने में हो संतुलित आहार, अधिक तेल से करें तौबा, दाल व पनीर हैं बेहतर विकल्प
-केवल दूध से नहीं बनेगी बात, मल्टी ग्रेन आटा कर सकता है बच्चों का संतुलित विकास
-शारीरिक व्यायाम भी है बहुत जरूरी, केवल कंम्यूटर या इंडोर गेम की आदत से बचाएं
नोट- बच्चों के दिल को सुरक्षित रखने के लिए स्कूल में ही ब्लड प्रेशर जांच की भी बात कही जा रही है।