दिल को झटका देता है सुबह का बढ़ा बीपी

सोने से पहले कुछ ऐसे सामान्य बातों का ध्यान रखें जो आपका रक्तचाप (बीपी) न बढ़ाए, दिनभर की अपेक्षा सुबह चार बजे से छह बजे के बीच एक सामान्य व्यस्क का बीपी सबसे उच्च होता है, इसे उच्चावच रक्तचाप भी कहा जाता है। डायबिटिज, दिल और दिमाग के मरीजों के लिए यह इस समय का बढ़ा बीपी घातक हो सकता है। रक्तचाप की बढ़ती समस्या को देखते हुए इससे बचाव के लिए बीपी क्लीनिक शुरू करने की पहल की गई है। दिल्ली में पहला बीपी क्लीनिक भोगल में शुरू किया जाएगा। जिसमें लोगों को बीपी को नियंत्रित करने के सुझावों की भी जानकारी दी जाएगी।
नेशनल ट्रस्ट फॉर कंट्रोल ऑफ हाईपरपटेंशन के प्रमुख और प्रेसीडेंट स्टेट क्लीनिक के डॉ. मोहसीन वली ने बताया कि एक सर्वे के अनुसार देश में 30 प्रतिशत युवा उच्चरक्तचाप के शिकार हैं, जो दिल, किडनी और मस्तिष्क आघात की अहम वजह है। लंबे समय तक अनियंत्रित बीपी दिल को कमजोर कर देता है। सामान्य दिन की अपेक्षा सुबह चार बजे से छह बजे के बीच रक्तचाप का स्तर सबसे अधिक होता है। इस स्थिति में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 50 फीसदी बढ़ जाती है। इसलिए जिन लोगों को उच्च बीपी या दिल की बीमारी है उन्हें रात में सोने से पहले अपने बीपी पर खास नजर रखनी चाहिए। ऐसे मरीजों को रात में तनाव लेना घातक हो सकता है। रक्तचाप के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए भोगल में पहला बीपी क्लीनिक शुरू किया जाएगा। जबकि दिल्ली में कुल चार बीपी क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव है। मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की मदद से शुरू क्लीनिक में किसी भी समय जाकर बीपी टेस्ट किया जा सकेगा। 30 साल के बाद हर छह महीने में एक बार बीपी चेक करा लेना चाहिए।

बच्चों का रक्तचाप भी असामान्य
दिल्ली के स्कूली बच्चों में रक्तचाप का स्तर जानने के लिए एक सर्वेक्षण किया गया। नेशनल ट्रस्ट फॉर कंट्रोल ऑफ हाइपरटेंशन द्वारा किए गए अध्ययन मं सौ में से 30 बच्चों का रक्तचाप असामान्य पाया गया। इसमें से 10 बच्चे उच्च रक्तचाप के शिकार थे। जबकि दस बच्चों का रक्तचाप निम्न था। डॉ. मोहसीन वली ने बताया कि सेंट कोलंब स्कूल के सौ बच्चों का रक्तचाप जांचा गया, जिसमें से केवल 20 बच्चों का रक्तचाप सामान्य देखा गया। इनमें से पांच प्रतिशत बच्चे मोटापे की वजह से उच्चरक्तचाप से पीड़ित थे। जबकि 40 बच्चों ने माना कि वह शारीरिक व्यायाम या खेल में भाग नहीं लेते।

एबीपीएम मशीन रखेगी 24 घंटे बीपी पर नजर
(एंबूलेटरी ब्लड प्रेशर मशीन) की मदद से 24 घंटे बीपी पर नजर रखी जा सकी है। मैक्स अस्पताल के बीपी क्लीनिक के प्रमुख और जनरल फिजिशियन डॉ. सी वेंकेटरमन ने बताया कि किस समय या किस काम को करते समय आपका रक्तचाप बढ़ता या कम होता है इसकी जांच एबीपीएम मशीन से की जाती है। जो सामान्य व्यस्क के हाथ में 24 घंटे के लिए बांध दी जाती है, इस दौरान उसके दिनभर के बीपी का रिकार्ड मशीन में दर्ज हो जाता है। मशीन हटाने के बाद यह पता लगाया जाता है कि मरीज को उच्च रक्तचाप की शिकायत है या निम्न की, चिकित्सकों की मानें तो एक समय में किया गया बीपी जांच के परिणाम 80 प्रतिशत मामलों में सही नहीं होते

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