नई दिल्ली: देश भर में मौत की वजह का पता लगाने की जिम्मेदारी एम्स पर सौंपी गई है, अब एम्स के डॉक्टर मौत की वजह का ऑनलाइन डेटा तैयार करेंगे। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के तहत देश में मौत के कारणों का पता लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एक ऑनलाइन प्लेटफार्म विकसित किया है, जिसे मिनेरवा (मॉर्टिलिटी इन इंडिया थ्रू वर्बल ऑटोप्सी) नाम दिया गया है।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को इस ऑनलाइन डेटा सिस्टम की शुरूआत की। इस ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डॉक्टर मौखिक ऑटोप्सी के आधार पर मौत के कारणों को दर्ज कर सकेंगे। इसके आंकड़े देश में स्वास्थ्य संबंधी योजना तैयार करने में सरकार के लिए मददगार होंगे।
एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. आनंद कृष्णनन के नेतृत्व में सात डॉक्टरों की टीम ने ऑनलाइन प्लेटफार्म की डिजाइन तैयार की और उसे विकसित करने में तकनीकी मदद की। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति 24 चिकित्सा संस्थानों व 400 डॉक्टरों को जोड़ा गया है। ये डॉक्टर अगले सप्ताह से मौत के कारणों को ऑनलाइन दर्ज करना शुरू कर देंगे। इसके लिए एम्स के डॉक्टर उन्हें प्रशिक्षित भी करेंगे। डॉ. आनंद ने कहा कि इस सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के आधार पर यह डाटा तैयार किया जा सकेगा कि किन बीमारियों से कितने लोगों की मौत हो रही है। आने वाले दिनों में डॉक्टरों को हैंडहेल्ड कंप्यूटर दिए जाएंगे।