अस्पतालों में आक्सीजन की कमी को अब कुछ हद तक दूर किया जा सकेगा, एम्स में आधुनिक और किफायती उपकरण प्रदर्शनी के तीसरे दिन पोर्टेबल वेंटिलेटर का प्रदर्शन किया गया। इसका निर्माण एसेट कंपनी द्वारा किया गया है, वेंटिलेटर को मोबाइल एप से नियंत्रित किया जा सकता है।
पोर्टेबल वेंटिलेटर को युवा वैज्ञानिक दिवाकर वैश्य ने बनाया है। वैश्य ने बताया कि साधारण वेंटिलेटर मरीज की लंबाई जितने होते हैं और वेंटिलेटर से बहुत सारी मशीनें जुड़ी होने के कारण इसे चिकित्सक ही संचालित कर सकते हैं। जबकि आधुनिक पोर्टेबल वेंटिलेटर को मरीज घर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसके लिए किसी तरह के प्रशिक्षण की जरूरत नहीं। इसकी कीमत 15 से बीस हजार रुपए है। यह दुनिया का पहला ऐसा वेंटिलेटर है, जिसे बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के संचालित किया जा सकेगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिथम की मदद से इसे अपने आप संचालित किया जा सकेगा, जिसकी मदद से किसी भी आपातकालीन स्थिति में मरीज के सहायकों तक सूचना पहुंचाई जा सकेगी, इसमें एक ऑन बोर्ड लाइट होगी, जो किसी भी संभावित सूचना की जानकारी सही समय पर निर्माताओं तक पहुंचा सकेगी। मालूम हो कि इस वेंटिलेटर की मदद से ऐसी मरीजों को फायदा होगा, जो ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए पहुंचते हैं और वेंटिलेटर न होने के कारण उन्हें बिना इलाज वापस लौटना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इलाज के आधुनिक उपकरणों को नहीं पहुंचाया जा सकता, वहां भी इस वेंटिलेटर की उपयोगिता अधिक होगी।