कोरोना अब बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है, उत्तराखंड सहित दिल्ली में बच्चों में कोरोना के मामले अधिक देखे गए हैं। विशेषज्ञों का भी कहना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय से बच्चों पर कोरोना के प्रभाव को देखते हुए उपचार और लक्षण को लेकर एक एडवाइजारी जारी की है। बच्चों में कोरोना हल्के लक्षणों के साथ हमला करता है। कई बार किसी तरह के लक्षण सामने भी नहीं आते हैं। जानें क्या हैं बच्चों में कोरोना के लक्षण और उपचार-
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों में कोरोना प्रभाव और उपचार को लेकर एडवाइजरी जारी की है। जानिए क्या हैं इसके प्रमुख लक्षण:
– कोविड से संक्रमित अधिकांश बच्चों में कोई लक्षण नहीं या हल्के लक्षण हो सकते हैं। इसमें निरंतर बुखार 38 डिग्री सेल्सियस (100.4 डिग्री फारेनहाइट) से अधिक बुखार, खांसी, सांस फूलना/सांस लेने में तकलीफ, थकान, बदन दर्द, नाक बहना, गले में खराश, दस्त, स्वाद या गंध न आना आदि शामिल हैं।
– बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम नाम का एक नया सिंड्रोम देखा जा रहा है। इसमें निरंतर बुखार 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक, कोविड-19 से जुड़े कोई भी लक्षण, मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम के क्लीनिकल फीचर जैसे लक्षण शामिल हैं।
– संक्रमित परिवार के सदस्यों में लक्षण विहीन बच्चों की पहचान आमतौर पर स्क्रीनिंग के द्वारा की जाती है। लक्षणों की निगरानी और गंभीरता के मुताबिक उपचार की आवश्यकता होती है।
– हल्के लक्षण हैं तो जांच की आवश्यकता नहीं होगी। बच्चों को होम आइसोलेशन और रोग के लक्षण के मुताबिक घर पर उपचार दिया जा सकता है।
-बच्चों के कोरोना के लिए सरकार द्वारा किसी भी तरह की एंटीबायोटिक दवा नहीं देने की सिफारिश की गई है। यदि कफ की समस्या है तो गरम पानी और भांप दी जा सकती है।