देश की राजधानी में बेहद तेजी से बढ़ते चिकनगुनिया के मामलों को देखते हुए राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल का यूनानी मेडिसिन विभाग ने एक खास किट तैयार की है। यह किट चिकनगुनिया से पीडि़त लोगों को जोड़ों के दर्द के से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार सिद्घ हो सकती है।
चिकनगुनिया में मरीज को तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द होता है। यह दर्द किसी व्यक्ति को लम्बे अरसे तक भी रह सकता है। इस बारे में आरएमएल के यूनानी विभाग के प्रमुख डॉ सैयद अहमद खान ने बताया कि यह किट चिकनगुनिया से पीडि़त मरीजों के लिए बनाया गया है। इस किट में हब्बे असगन, हब्बे सूरनजान, माजून चौबचीनी और खमीरा मारवारीद है। इस किट के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।
डॉ खान ने बताया कि चिकनगुनिया में जोड़ों में सूजन आ जाती है और किसी को जोड़ों में लंबे अरसे तक दर्द रह सकता है और इन लक्षणों में अन्य पद्धतियों में पेन किलर और एंटीबायोटिक दी जाती है, जिनको ज्यादा वक्त तक लेने पर जिगर पर असर हो सकता है और पेट में गर्मी हो सकती है। उन्होंने कहा कि 90 दिनों तक इस किट में शामिल दवाओं का सेवन करने से शरीर पर पड़े चिकनगुनिया के सभी दुष्प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे और व्यक्ति का जोड़ों का दर्द भी खत्म हो जाता है और यह दोबारा नहीं होगा।
डॉ खान का कहना है कि इस दवा का असर सात दिन में दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि अगर टेस्ट में चिकनगुनिया होने की पुष्टि नहीं होती है लेकिन लक्षण इस सरीखे हैं जैसे बुखार के अलावा जोड़ों में दर्द आदि तो रोगी को यूनानी पद्धति से इसका इलाज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दिनों उनके विभाग में आने वाले मामलों में 40 फीसदी मामले जोड़ों के दर्द के हैं और ऐसे व्यक्तियों के हैं जिन्हें पहले यह शिकायत नहीं थी। डॉ खान ने कहा कि चिकनगुनिया के मरीज को कम से कम तीन दिन तो जरूर आराम करना चाहिए और जितना हो सके तरल पदार्थ लेना चाहिए।