नई दिल्ली
दिल्ली सरकार की तर्ज पर यूपी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की पैरवी की है। लखनऊ, गोरखपुर समेत कई बड़े जिले ऐसे हैं जहां कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या कम होती जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी है। मरीज कुछ शर्तों के साथ होम आइसोलेशन कर सकेंगे। इसके लिए प्रोटोकॉल जारी किया जाएगा।
इस संदर्भ में अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के बिना लक्षणों वाले कई मरीज ऐसे हैं जो अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते हैं। ऐसे मरीज अपनी बीमारी छिपा रहे हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है। वहीं कई कोविड केयर सेंटरों में बेड फुल हो गए हैं। 23 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। रविवार को कोरोना के 2 हजार 250 नए मामले सामने आए। 19 हजार 845 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। वहीं मृतकों की कुल संख्या एक हजार 146 है।
अधिकारियों ने बताया कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों को कुछ तरह के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सीएम ने होम आइसोलशन को मंजूरी देने के साथ ही अधिकारियों को तत्काल गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बिना लक्षणों वाले और माइल्ड लक्षण वालों को होम आइसोलेशन को लेकर जल्द ही गाइडलाइन तैयार करें। मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने जून महीने के पहले हफ्ते में हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू की थी, इसमें कोरोना के माइल्ड या कम लक्ष्ण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती न करके घर पर ही चिकित्सकों के संपर्क में रखा गया। दिल्ली में फिलहाल 16 हजार मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है।