लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहना घटा सकती है आपकी उम्र

नई दिल्ली: एक्टिव रहने से बॉडी तो फिट रहता ही है आपकी उम्र भी लंबी होती है। लेकिन ज्यादा समय तक कुर्सी पर बैठे रहना आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है। स्टडी में यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहने से उम्र कम होती है। ऐसे लोग जो ज्यादा देर तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं या टीवी देखते हैं वो कम जीते हैं। उनकी फिजिकल एक्टिविटी नहीं होने की वजह से उनकी उम्र घटने लगती है। इंटरनैशनल मैग्जीन की मानें तो जितना नुकसान स्मोकिंग से होता है, उससे कहीं ज्यादा सेडेंटरी लाइफस्टाइल से होता है।

बैठे रहने का बड़ा खतरा:
डॉक्टर सी. एस. यादव भी मानते हैं कि सेडेंटरी लाइफस्टाइल एक साथ कई बीमारियों की जड़ है। उन्होंने कहा कि सेडेंटरी लाइफस्टाइल का मतलब है ऐसा रुटीन जिसमें लोग काफी लंबे समय तक बैठे रहते हैं। बैठे रहने की वजह से वे दिन में एक घंटा भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं, न एक्सरसाइज, न योग और न ही कोई वर्कआउट। इस वजह से बॉडी स्लो होती जाती है। उनकी यह आदत ऑफिस जाने के बाद और बढ़ जाती है, क्योंकि ऑफिस में कुर्सी पर बैठकर काम करना पड़ता है। घंटों लगातार बैठे रहने की वजह से एक साथ कई बीमारियां होने का खतरा रहता है।

मसल्स पर ज्यादा असर:
ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट डॉ. यश गुलाटी ने बताया कि लंबे समय तक कुर्सी पर बैठने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी कमर और बॉडी के मसल्स को होती है। शुरुआत में कमर में दर्द होता है। बाद में इसका असर बॉडी के मसल्स पर भी पड़ता है। बैठे रहने की वजह से बॉडी में कोई एक्टिविटी नहीं होती, बंद कमरे में लंबे समय तक लोग रहते हैं तो सनलाइट नहीं मिलती, विटामिन डी की कमी होने लगती है, वजन बढ़ने लगता है। स्मोकिंग से कैंसर और हार्ट की बीमारी होती है, लेकिन बैठे रहने से इन दोनों बीमारी के अलावा कई ऐसी बीमारी होने का खतरा रहता है। इसलिए सेडेंटरी लाइफस्टाइल को स्मोकिंग से ज्यादा खतरनाक कहा जा सकता है।

बढ़ सकता है कोलेस्ट्रॉल:
डॉक्टर ने कहा कि मेट्रो शहरों में सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से बच्चों से लेकर बड़ों तक पर असर देखा जा रहा है। लंबे समय तक बैठ रहने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। इससे हार्ट पर भी असर होता है। अगर आप ऑफिस में भी हैं तो लगातार बैठे नहीं रहें, बीच-बीच में उठकर टहलें, बॉडी स्ट्रेच करें। अगर दिन में एक घंटा भी कोई इंसान फिजिकल एक्टिविटी करता है तो उनमें यह परेशानी उतनी नहीं होती है, जितनी बैठे रहने वाले लोगों में।

सेडेंटरी लाइफस्टाल के प्रभाव
: इंसान सुस्त हो जाता है, मोटापा बढ़ने लगता है।
: डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है
: बॉडी में लचीलेपन की कमी हो जाती है।
: ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता है।
: कमर और मसल्स में पेन होने लगता है।
: जितना ज्यादा बैठेंगे, उतना ही कूल्हे और कमर में दर्द बढ़ता जाएगा
: मेटाबॉलिज्म एक्टिविटी भी कम होने लगती है।
: खाया जाने वाला फैट पचता नहीं है और जमा होने लगता है।
: हड्डी कमजोर और भुरभुरी होने लगती है।

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