मोटापा कम करने की महंगी सर्जरी के लिए अब आपके पास लोन का विकल्प भी उपलब्ध होगा। वजन कम करने की तमाम कोशिश के बाद भी यदि बीएमआई सामान्य नहीं हो रही है तो लोन लेकर बैरिएट्रिक सर्जरी कराई जा सकती है। सर्जरी के लिए लिए गए इस उधार की धनराशि को आसान किश्तों में चुकाया जा सकता है। राजधानी के प्रमुख निजी अस्पतालों ने मोटापे की बढ़ती समस्या और इलाज के खर्च को देखते हुए यह शुरूआत की है।
जीरो प्रतिशत ब्याज की दर से मिलने वाले इस लोन की सेवा देश में पहली बार शुरू की गई है। जिससे संबंधित सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई है। लोन का आवेदन करने के आधे घंटे के भीतर ही लोन की मंजूरी मिल जाएगी, जिससे मरीज को सर्जरी कराने में अधिक सोचने की जरूरत नहीं होगी। इस बावत फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सुक्ष्म व बैरिएट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अजय कुमार कृपालानी ने बताया कि मोटापे से परेशानी 30 प्रतिशत लोग महंगी सर्जरी का खर्च वहन नहीं कर पाते हैं। मध्यम आय वर्ग के लोगों में बढ़ती मोटापे की समस्या और उसके समाधान को देखते हुए लोन के विकल्प को रखा गया है। जिसमें मरीज चिकित्सक द्वारा बताए गए सर्जरी के विकल्प के अनुसार लोन का निर्धारण कर सकते हैं। डॉ. अजय ने बताया कि मोरबिड या अत्यधिक मोटापा होने की स्थिति में गैस्ट्रिक स्लीव या बायपास बैरिएट्रिक सर्जरी की जाती है, जिसमें अमाश्य के एक बड़े हिस्से को कम कर दिया जाता है। वजन के आधार पर यह तय किया जाता है किस मरीज को कौन दी सर्जरी से फायदा होगा। सर्जरी का खर्च दो से चार लाख रुपए तक आता है, जो आम मरीज के बजट से बाहर है। फोर्टिस के अलावा मैक्स और अपोलो में भी इस सेवा के लिए लोन देने वाली कंपनियों ने संपर्क किया है।
हर साल होती है 13000 की सर्जरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में 40 फीसदी व्यस्क और 20 फीसदी बच्चे मोटापे के शिकार हैं। देश में हर साल 13000 मरीजों की बैरिएट्रिक सर्जरी की जाती है, इस लिहाज से केवल एक प्रतिशत मरीज ही सर्जरी करा पाते हैं। बैरिएट्रिक सर्जरी से मोटापा के साथ ही डायबिटिज और हाइपरटेंशन जैसी समस्या का भी इलाज संभव है।