नई दिल्ली: जिस प्रकार दीवाली के बाद प्रदूषण का स्तर दिल्ली में बढ़ता जा रहा है, उसने न केवल आम नागरिकों की नींद उड़ गई है बल्कि सरकार की चिंता साफ दिखने लगी है। हर तरफ इसके लिए सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है, लेकिन हम केवल सरकार को ही दोषी नहीं ठहरा सकते हैं, आम लोगों को भी पहल करनी होगी और पल्यूशन को कम करने के लिए उन्हें भी प्रण करना होगा।
इंडियन मेडिकल असोसिएशन और हार्ट केयर फाउंडेशन ने इसकी शुरूआत की है। आईएमए के प्रेसीडेंट इलेक्ट एवं एचसीएफआई के प्रेसिडेंट डॉ के के अग्रवाल ने कहा कि सरकारी संस्थाएं क्या कर रही हैं पूछने की बजाए यह सोचें कि हम क्या कर रहे हैं, हमने खुद इस ज़हरीले धुएं और धुंध का गुबार पैदा किया है और यह हमारा नैतिक फर्ज़ है कि हम समाज के सक्रिय नागरिक होते हुए इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएं।
समस्याओं को अपने हाथों में लें कुछ अलग कर दिखाने के लिए बेहद हौसले और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। हम सब इस समाज के ज़िम्मेदार नागरिक हैं और हमारी तरफ से भी चाहे छोटे से छोटा हो योगदान होना चाहिए। आपकी तरफ से उठाया गया एक छोटा सा कदम भी पूरे समाज को प्रेरित कर सकता है और सबकी भलाई होगी। यह प्रण लें और प्रदूषण दूर करें:
: मिट्टी के तेल का प्रयोग बिल्कुल नहीं करूंगा
: मैं खाना पकाने के लिए लकड़ी और कोयले का यूज नहीं करूंगा
: अगर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए तो मैं हौसले से अंतिम संस्कार के लिए बिजली यंत्र का प्रयोग करूंगा
: ना मैं खुद सिगरेट पीउंगा और ना किसी को पीने दूंगा।
: जब भी हो सके मैं कार-पुलिंग शेयर करूंगा
: मैं अपनी गाड़ियों का प्रदूषण जांच समय पर कराउंगा
: छोटी दूरी के लिए मैं पैदल या साईकिल का प्रयोग करूंगा।
: मैं ध्यान रखूंगा कि मेरे घर के ऐसी का फिल्टर जाम ना हो।
: मैं ध्यान रखूंगा कि मेरी कार और कार्यस्थल का ऐसी फिल्टर जाम ना हो और अगर ऐसा हो तो मैं इसे तुरंत रिपेयर कराउंगा
: मैं पत्ते और कूड़ा नहीं जलाउंगा
: मैं वायू प्रदूषण के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाउंगा
: मैं इस बात पर ज़ोर दूंगा कि मेरे इलाके की सड़के दोपहर 12 से सुबह पांच बजे के बीच ही साफ की जाएं।
: मैं अपनी आरडब्ल्यू से ज़्यादा पेड़ लगाने और घर की दहलीजों पर खुली मिट्टी ना होने देने के लिए कहूंगा।
: मैं अपनी डीज़ल कार बेच कर सीएनजी कार खरीदूंगा
: मैं तंबाकू पर पटाखों पर ज्यादा कर लगाने का समर्थन करूंगा