नई दिल्ली,
राम मनोहर लोहिया परास्नातक मेडिकल शिक्षा और शोध संस्थान का नाम अब पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा। यहां अभी तक पीजी कोर्स संचालित होने के कारण इसे पोस्ट ग्रेज्युट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन व रिसर्च (पीजीआईएमईआर) नाम से भी जाना जाता था, लेकिन अब इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। आगामी 16 अगस्त को पूर्व पीएम की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधिकारिक रूप से उद्घाटन भी करेंगे।
आजादी से ठीक 17 साल पहले वर्ष 1932 में अंग्रेजों ने लुटियन जोन में अपनी सेना और कर्मचारियों की चिकित्सीय सहायता के लिए विलिंग्टन अस्पताल बनाया था, जिसे फिलहाल डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) के नाम से जाना जाता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक आरएमएल में कुछ ही समय पहले एमबीबीएस कोर्स संचालित करने की मंजूरी दी जा चुकी है। 100 यूजी सीटों पर प्रवेश के बाद एक अगस्त यानि बृहस्पतिवार से वहां कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी। अभी तक यहां केवल पीजी सीट में ही पढ़ाई होने के कारण संस्थान का नाम पीजीआईएमईआर व आरएमएल अस्पताल था, लेकिन अब इसका नाम अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज व आरएमएल अस्पताल होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन से ही प्रस्ताव मिलने के बाद इसे अंतिम मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए नाम के संस्थान औपचारिक उद्घाटन के लिए पत्र भेजा है। फिलहाल 16 अगस्त को आरएमएल अस्पताल परिसर में ही ये कार्यक्रम होना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से देश भर के चिकित्सीय संस्थानों में शैक्षिक सत्र 2019-20 के लिए एमबीबीएस के प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।