अगर फलों और सब्ज़ियों को अच्छी तरह से धोया जाए और पूरी तरह से पकाया जाए तो फूड पाॅयज़निंग करने वाले ज़्यादातर बैक्टीरिया से बचा जा सकता है, यह कहना है हार्ट केयर फाउंडेशन के प्रेसिडेंट डाॅ के के अग्रवाल का। डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि खाने से होने वाली बीमारियां या फूड पाॅयज़निंग ऐसे फूड खाने से होती है जिसमें बैक्टीरिया या कोई जहरीला तत्व मौजूद हों। वायरय और परजीवी भी इसका कारण हो सकता है।
डॉक्टर का कहना है कि मीट, पोल्ट्ररी उत्पाद और अंडों से माइक्रोब्स से होने वाल बीमारियां ला सकते हैं। लेकिन इन दिनों खाने की चीज़ों से होने वाली ज़्यादातर बीमारियां ताज़ा फलों और सब्ज़ियों से होती हैं। फूड पाॅयज़निंग से पेट में दर्द, जी मिचलाना, सिर दर्द, चक्कर, उल्टी, डायरिया और डीहाईड्रेशन आदि हो सकता है। इसके लक्ष्ण दूषित खाना खाने के कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक नज़र आ सकते हैं। उदाहरण के लिए सल्मोनेला बैक्टीरिया से 12 घंटे से लेकर 3 दिन तक बीमारी हो सकती है जो 4 से 7 दिन तक रह सकती है। फूड पाॅयज़निंग का सबसे आम इलाज ज़्यादा से ज़्यादा तरल आाहार लेना है। कुछ ही दिनों में बीमारी कम होने लगती है।
घर में फूड पाॅयज़निंग से कैसे बचें-
फल, बर्तन और हाथ धोएं
कच्चे खाने को खाने के लिए तैयार खाने से अलग रखें
खाना सुरक्षित तापमान पर ही पकाएं
खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को खरीदने और बनाने के दो घंटों के अंदर फ्रिज में रखें।
खाने को सुरक्षित तरीके से डिफ्रोस्ट करें।
अगर खाने के खराब होने की शंका हो तो उसे फेंक दें।
सड़कों पर मिलने वाले खुले में रखे केटे हुए फल और सबिज़्यां ना खाएं।
बिना उबाले पानी ना पिएं।