
मोनिका सिंह, नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं कि सर्दी बढ़ते ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। नहीं जानते हैं जो जान लीजिए, क्योंकि डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी के दिनों में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक होता है, दिल के नसों में सबसे ज्यादा ब्लॉकेज के मामले सामने आते हैं, इस वजह से 30 से 35 पर्सेंट मरीजों में स्टेंटिंग करना होगा है। इन दिनों में ही सबसे ज्यादा स्टेटिंग भी की जाती है। इसलिए डॉक्टरों की सलाह है कि सर्दी बढ़ने के साथ हार्ट के मरीजों को विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।
गंगाराम हॉस्पिटल के कार्डिएक सर्जन डॉ सुजय शाद ने बताया कि दिसंबर से जनवरी के दौरान पूरी दुनिया के कार्डिएक डॉक्टर सबसे ज्यादा बिजी रहते हैं। इस दौरान एक्यूट हार्ट अटैक, हार्ट फेल होने के मामले 20 से 25 पर्सेंट तक बढ़ जाते हैं। उन बुजुर्गों की परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है, जो पहले से हार्ट के मरीज हैं। जब बॉडी को हीट की जरूरत होती है तो हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे अटैक का खतरा रहता है।
मैक्स के कार्डिएक सर्जन डॉ रजनीश मल्होत्रा ने कहा कि जब ठंड बढ़ने पर ब्लड गाढ़ा हो जाता है। नसें सिकुड़ जाती है। नसों में 30 पर्सेंट तक की रुकावट आ जाती है। इस मौसम में लोग पानी भी कम पीते हैं। एक तरह से लाइफस्टाइल बदलाव आ जाता है। लोग मीट, मछली, घी ज्यादा खाते हैं और फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। पल्यूशन का लेवल बढ़ जाता है और स्मॉग होने पर पल्यूशन के पार्टिकल्स नीचे आ जाते हैं। यह कण सांस के जरिए हार्ट तक पहुंचते हैं। इस मौसम में हार्ट की बीमारी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
मूलचंद हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर केके अग्रवाल ने कहा कि ठंड से जब नसें सिकुड़ जाती हैं, तो बॉडी में ब्लड सप्लाई करने के लिए हार्ट को ज्यादा पंप करना पड़ता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और पल्स रेट हाई हो जाता है। ऐसे में जो लोग दवा पर हैं, उन्हें किसी भी सूरत में दवा बंद नहीं करनी चाहिए। जब मौसम बदल रहा हो तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बॉडी इसके लिए पहले से तैयार नहीं होती। खासकर बुजुर्ग मरीजों को ऐसे मौसम में बचकर रहना चाहिए और उन्हें ठंड में गर्म कपड़े पहनना चाहिए।