आम तौर पर सांस लेने में दिक्कत को हल्के में लिया जाता है लेकिन यह हृदय विकार या क्रॉनिक अब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) का लक्षण हो सकता हैI एक नये अध्ययन (study) इस बात को लेकर आगाह किया गया है। साथ ही सुझाया गया है कि शुरआती जांच से मरीजों की दिक्कतों और अस्पताल में भर्ती कराये जाने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है।
स्वीडन के गोटेबोर्ग विश्वविद्यालय में सालग्रेंस्का अकादमी के अनुसंधानकर्ता नसीर अहमदी ने बताया, ‘‘लोग सांस लेने में दिक्कत की समस्या को आम तौर पर उम्र संबंधी दिक्कत से जोड देते हैं और इसीलिए चिकित्सकीय सलाह नहीं लेते हैं। कैपियो चिकित्सा केंद्र में जनरल मेडिसिन और हृदय रोग के विशेषज्ञ अहमदी ने कहा, ‘‘लेकिन अगर आप परिश्रम के समय सांस की समस्या में इजाफा महसूस करते हैं तो आपको चिकित्सकीय देखभाल की जरुरत है।
सोर्स: भाषा