नई दिल्ली: आज कॉस्मेटिक सर्जरी खूबसूरती का बेजोड़ विकल्प बन गया है। लोग अपने चेहरे की बनावट, छोटी-मोटी नाक, मोटे होंठ या गोरापन बढ़ाने और अतिरिक्त तिल हटवाने के लिए ऐसी सर्जरी करा सकते हैं। कॉस्मेटिक सर्जरी का बाजार दिनों-दिन बढ़ रहा है। राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में कॉस्मेटिक सर्जरी कराने वालों की संख्या बढ़ी है, सुंदरता की चाहत सिर्फ महिलाओं में ही नहीं, बल्कि पुरुषों में भी यह शौक तेजी से बढ़ रहा है।
कॉस्मेटिक सर्जन अनिल बहल के अनुसार कॉस्मेटिक सर्जरी कराने वालों की तादाद भविष्य में काफी बढ़ेगी, क्योंकि आजकल हर क्षेत्र में प्रतियोगिता है। उन्होंने कहा कि आज नौकरी पाने के लिए भी सुंदरता की जरूरत पड़ती है, क्योंकि हर जगह आपका लुक पहले देखा जाता है। डॉ. अनुज त्यागी उम्र, किसी चोट अथवा बीमारी के कारण यदि किसी का चेहरा बदसूरत दिखने लगे तो कॉस्मेटिक सर्जरी वरदान के रूप में सामने आती है।
डॉ. बहल कहते हैं कि कास्मेटिक सर्जरी कई तरह के लोग कराते हैं। कुछ लोगों में जन्मजात डिफेक्ट होता है और वे खुद को सामान्य दिखाने के लिए सर्जरी कराते हैं। युवा लड़के और लड़कियां अच्छा दिखने के लिए छोटे-मोटे डिफेक्ट साफ कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 100 में से 60 प्रतिशत मरीज सामान्य दिखने के लिए सर्जरी कराते हैं। इनमें से कुछ अपनी खूबसूरती वापस पाने के लिए इस सर्जरी का इस्तेमाल करते हैं।
डॉक्टर का कहना है कि लोगों में अक्सर गोरी त्वचा पाने की इच्छा होती है, क्योंकि गोरा रंग सांवले व्यक्ति की तुलना में अधिक आकर्षक दिखता है। इसके लिए भी सर्जरी होती है। इसका आसान तरीका है मृत त्वचा निकालना। इसके लिए अलग-अलग तरह से सर्जरी कराई जाती है। डॉ. त्यागी इस बारे में कहते हैं कि त्वचा के प्राकृतिक रंग में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं कर सकते, लेकिन उसे ग्लोइंग बनाया जा सकता है।
सर्जन के अनुसार डर्मेटोसर्जरी में कुछ डर्मो विजन होते हैं, जो तुरंत ग्लो के लिए हम यूज करते हैं। कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा हर कोई नहीं ले सकता। सबसे पहले मरीज मानसिक रूप से स्थिर हो और उसे सही जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो 60-70 साल के होने पर भी खुद को फिट समझते हैं और अंदर की फिटनेस के साथ बाहर की खूबसूरती दिखाने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी कराते हैं। इसके अलावा ऑफिस जाने वाले या स्कूल कॉलेज के स्टूडेंट्स भी कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लेने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि झुर्रियां, दाग-धब्बों से रहित त्वचा पाने के लिए सर्जरी होती है, इसलिए इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है। युवा वर्ग पिंपल्स, कील-मुंहासे और दाग-धब्बों से निजात पाने के लिए सर्जरी कराते हैं, वहीं 25 से 30 साल की उम्र के लोग शादी को ध्यान में रखते हुए स्किन टाइटनिंग और गोरेपन का इलाज लेते हैं। डॉक्टर का कहना है कि सुंदरता के लिए सर्जरी से पहले हम देखते हैं कि मरीज को समस्या क्या है, ट्रांसप्लांट करते हैं, यह भी कॉस्मेटिक सर्जरी ही है। लेजर करते हैं, जो स्किन टाइटनिंग के लिए किया जाता है।लेजर हेयर रिमूवल के लिए होता है, लेजर दाग-धब्बों को खत्म करने के लिए होता है।