गांधीनगर, 21 अप्रैल, 2022 :
आयुष को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए तीन दिवसीय ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट का आयोजन किया गया है। सम्मेलन के दूसरे दिन वैश्विक आयुष अनुसंधान, विकास प्राथमिकताएं और फार्मास्युटिकल कंपनियों, उद्योग के प्रतिनिधियों और डोमेन विशेषज्ञों के बीच बातचीत पर केंद्रित था। आयुष और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने अपनी बातें रखीं। दो दिन तक हुए सम्मेलन की जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा ने जानकारी दी।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि बीते दो दिन में अब तक 28 कंपनियों ने आयुष क्षेत्र में निवेश करने और काम करने की इच्छा जताई है। इसको लेकर एमओयू भी साइन किए गए हैं। आयुष क्षेत्र में छह हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने का अनुमान है। निवेश सम्मेलन के तीसरे दिन यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इससे पांच लाख लोगों से अधिक को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इससे 76 लाख लोगों के जीवन में सकारात्मक असर पड़ेगा। अमूल, डाबर इंडिया, पतंजलि, कामा आयुर्वेदजैसी कंपनियों की ओर से आयुष मंत्रालय के साथ काम करने की सहमति जताई गई है।
केन्द्रीय आयुष सचिव ने कहा कि बताया कि निवेश सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्रालय और केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के साथ भी एमओयू हुए हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस बात पर सहमति बनी है कि देश के हर रक्षा अस्पतालों में आयुष केंद्र भी होगा। इसके साथ ही सीएसआईआर अनुसंधान और तकनीक के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करेगा।
एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय आयुष सचिव ने कहा कि बीते सात साल में आयुष मंत्रालय ने कई उपलब्धियां हासिल की है। साल 2014 के नवंबर में जब इस मंत्रालय का गठन किया था, उसमें इसका बजट केवल 691 करोड़ था, जो इस साल 2022 में बढ़कर 3050 करोड़ का कर दिया गया है। यानी बीते सात साल में आयुष मंत्रालय के बजट में चार गुना की वृद्धि की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि साल 2014 में आयुष क्षेत्र का कारोबार 22 हजार करोड़ का था, जो अब बढ़कर एक लाख चार हजार करोड़ से अधिक का होगा।