एक मिनट में 15-16 बार पलक झपकें।

नई दिल्ली: एग्जाम की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स की आंखों का भी एग्जाम होता है। इस दौरान कई स्टूडेंट्स की आंखों में दर्द होने लगता है। डॉक्टरों का कहना है कि एग्जाम से पहले स्टूडेंट्स की पढ़ाई का समय फिक्स होता है, लेकिन एग्जाम की डेट आने के बाद उनकी पढ़ाई का समय दोगुना हो जाता है, जिससे आंखों पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है। इस वजह से आंखों में दर्द होने लगता है, जलन होती है।

वासन आई केयर हॉस्पिटल के डॉ. राज आनंद का कहना है कि बोर्ड एग्जाम नजदीक आते ही पढ़ाई का समय बढ़ जाता है। इस वजह से स्टूडेंट्स की आंखों में खुजली, लालीपन, धुंधला दिखाई देना और सिरदर्द जैसी परेशानी होने लगती है। ऐसी परेशानी को लेकर कुछ स्टूडेंट्स हॉस्पिटल भी पहुंच रहे हैं, क्योंकि वे पढ़ाई को ज्यादा तवज्जो देते हैं और अपनी आंखों की देखभाल भूल जाते हैं। कुछ लोगों को पता भी नहीं होता है कि उनकी परेशानी की वजह क्या है।

एम्स के डॉ. रामकिशोर का कहना है कि लोग आंखों की बीमारी को शुरू में हल्के में लेते हैं। लेकिन इसका सीधा असर रोशनी पर पड़ता है, खासकर जिन बच्चों को पहले से चश्मा लगा हुआ है, उन्हें और अलर्ट रहने की जरुरत है। बहुत तेज रोशनी या कम रोशनी में पढ़ाई करना, आंखों की एक्सरसाइज नहीं करने की वजह से बहुत परेशानी होती है। अगर कुछ एक्सरसाइज करें और बीच-बीच में आंखों को आराम दें तो बेहतर रहता है। खाने में विटामिन बी1 का ज्यादा सेवन करें।

डॉ. आनंद का कहना है कि आंखों को ऐसे घुमाएं, जैसे घड़ी की सूइयां 9 से 3 बजे तक घूमती हैं। इसके बाद आंखों को अपनी हथेली से इस तरह ढकें कि हथेली का बीच वाला हिस्सा आंखों पर आ जाए। कुछ देर बाद आंखों को ऐसे घुमाएं, जैसे घड़ी की सूइयां 2 से 7 बजे और 11 से 4 बजे तक घूमती हैं। फिर आंखों को ढककर थोड़ी देर आराम दें।

– रोजाना छह से आठ घंटे की नींद लें
– किताबों को उचित दूरी पर रखें और लेट कर पढ़ाई न करें
– बल्ब की चमक को सीधे आंखों पर न पड़ने दें
– खीरे के पतले टुकड़े काटकर बंद आंखों के ऊपर पांच मिनट तक रखें
– ठंडे पानी से धीरे-धीरे आंखों पर छींटे मारें

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