नई दिल्ली: एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है, किसी भी सरकारी या एआरटी केन्द्र मं जाने की जगह वह खुद अपनी जांच कर सकेगें। मरीजों की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नई जांच किट लांच की है, जिसमें मुंह के लार और खून के सैंपल से मरीज एचआईपी पॉजिटिव या नेगेटिव की जांच कर सकेगें, इसके परिणाम 20 मिनट में हासिल हो जाएगें।
विश्व एड्स नियंत्रण दिवस पर इस किट की औपचारिक शुरूआत की गई। जिसको प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की मदद से आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक डॉ. मार्गेट चान ने बताया कि सेल्फ जांच किट ऐसे जगहों पर जांच के लिए अहम होगी, जहां लोग सामाजिक लोक लाज के डर से जांच के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं जाती। पहले चरण में किट को कंडोम और अन्य परिवार निरोधक सामग्री की तरह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मदद से घर में पहुंचाया जाएगा। जांच के बाद पॉजिटिव परिणाम आने पर मरीज को एआरटी या एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी केन्द्र तक पहुंचाया जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार एआरटी पर पहुंचने वाले 80 प्रतिशत मरीजों के एचआईवी संक्रमण की सही समय पर जांच नहीं हो पाती। जबकि 40 प्रतिशत मरीज टीबी की शिकायत के बाद केन्द्र तक पहुंचते हैं। मालूम हो कि नई गाइडलाइन के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एचआईवी संक्रमित सभी मरीजों के लिए एआरटी को जरूरी बताया है, इसलिए जांच को अहम बताया गया है।
कैसे काम करेगी किट
प्रेगा किट या फिर गर्भधारण का पता लगाने वाले किट की तरह की मरीज को किट के एक सीरे पर खून या फिर मुंह के लार का सैंपल रखना होगा। 15 से दस 20 मिनट के अंदर परिणाम का पता लगाया जा सकेगा। आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि देश में पचास से कम रुपए की कीमत में इसे लांच किया जा सकता है।
कितने एचआईवी के मरीज
– वर्ष 2015 में भारत में कुल एचआईवी के पंजीकृत मरीजों की संख्या 21.17 लाख थी
– जबकि इसी साल कुल 86000 एचआईवी संक्रमण के नये मरीज देखे गए।