एम्स में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा

नई दिल्ली: एम्स को पूरी तरह डिजिटल बनाने के क्रम में अब पंजीकरण के लिए आधार कार्ड नंबर जरूरी होगा। अब तक मरीजों को यह विकल्प के रूप में दिया जाता था। लेकिन इस बावत डीडीए एम्स ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर पंजीकरण नंबर या यूएचआईडी (यूनिक हेल्थ आइडेंटिफिकेशन नंबर) के लिए आधार को जरूरी करने के लिए कहा है।

एम्संस के डीडीए (डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन ) वी श्रीनिवास ने इस बावत केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा को लिखे पत्र में कहा कि क्योंकि एम्स में पंजीकरण के लिए अब तक आधार कार्ड नंबर को विकल्प के तौर पर रखा गया है, इसलिए संस्थान को पूरी तरह डिजिटल करने में परेशानी आ रही है। जबकि एम्स देश का पहला पूरी तरह डिजिटल संस्थान है। ऐसे मरीज जो पंजीकरण के लिए अपना आधार कार्ड नंबर इस्तेमाल नहीं करते उनकी अन्य जानकारियां यूएचआईडी नंबर से लिंक नहीं हो पाती है। डीडीए ने कहा कि आधार कार्ड अनिवार्य करने के बाद डिजिटल सेवाओं को अधिक बेहतर ढंग से संचालित किया जा सकता है।

एम्संस ने संसद में प्रस्तावित आधार एक्ट 2016 का हवाला देते हुए कहा कि एक्ट पारित होने के बाद आधार कार्ड को अन्य सरकारी सुविधाओं के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसी क्रम में यदि यूएचआईडी को आधार कार्ड से जोड़ा जा सकेगा तो लोगों की सेहत का अधिक बेहतर लाभ लिया जा सकेगा। मालूम हो कि जुलाई 2015 से शुरू ऑनलाइन पंजीकरण सेवा जरिए एम्स में अब तक 40 लाख मरीजों का पंजीकरण किया जा चुका है।

एम्स में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद सभी मरीजों को ऑनलाइन एंप्वाइंटमेंट लेने के लिए कहा जाता है, जबकि 20 प्रतिशत ऐसे मरीजों का काउंटर पर पंजीकरण किया जाता है जो दूर दराज से आते हैं या फिर जो तकनीकि रूप से दक्ष नहीं है। ऑनलाइन पंजीकरण के समय पूछे गए विकल्प में आधारकार्ड संख्या पूछी जाती है। जिसे अब तक वैकल्पिक रखा गया है। आधारकार्ड से मिले यूएचआईडी का फायदा यह है कि इससे मरीज को अपनी आगे की इलाज संबंधी जानकारी मैसेज के जरिए पंजीकरण मोबाइल नंबर पर मिल जाती है।

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