ऑनलाइन लिडो कोचिंग क्लासेस बुजुर्गों को बना रही है आत्मनिर्भर

नई दिल्ली,
कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से लिडो ऑन लाइन कोचिंग प्लेटफार्म बुजुर्गो को घर बैठे कमाने का विकल्प मुहैया करा रही है। लॉकडाउन के दौरान प्लेटफार्म में नामांकन कराने वालों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। साथ ही यह प्लेटफार्म वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त पेशेवरों को शिक्षकों के रूप में काम पर रखने को लेकर उद्योग के पहले कदम में अपने 500+ ट्यूटर पूल को बढ़ा रहा है। लिडो लर्निंग एक भारतीय स्टार्ट-अप है, जो विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय में वरिष्ठ नागरिकों की विशेषज्ञता को मौका देकर बढ़ावा देगा जो छोटे समूहों में आमने साने ऑनलाइन ट्यूशन क्लासेज मुहैया कराती है।
लक्ष्मी वेंकटेश कक्षा 6 तक स्कूलों में सक्रिय शिक्षण से सेवानिवृत्त हुए हैं वह अब एक वरिष्ठ गणित और विज्ञान लिडो ट्यूटर हैं। उन्होंने बताया कि मुझे स्कूलों में गणित पढ़ाने का 17 साल का अनुभव है। मैंने अपने शिक्षण कौशल का उपयोग करके प्रौद्योगिकी के संयोजन के साथ अपना सेवानिवृत्त जीवन बिताने का फैसला लिया। इसलिए सितंबर 2019 में लिडो में शामिल हो गया। मैं यहां काम का आनंद ले रहा हूं क्योंकि शिक्षण मेरा जुनून है। मैं आभारी हूं कि मैं घर से काम कर सकता हूं और साथ ही, अपने पेशे से जुड़ा रहता हूं।
मौजूदा समय, लिडो के पास 20 साल से ज्यादा अनुभव वाले कई शिक्षक हैं और उनके प्रति छात्रों तथा अभिभावकों की शानदार प्रतिक्रिया देखने को मिली है। एडीटेक ने बड़े पैमाने पर ऐसी प्रोफ़ाइल वाले शिक्षकों को काम पर रखने की योजना बनाई है। मौजूदा समय सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में, जब कई वरिष्ठ नागरिक खुद को अलग-थलग और खोया हुआ महसूस कर रहे हैं तो ऑनलाइन कक्षाओं के रूप में घर से रोज़गार प्राप्त करने के साथ ही उन्हें मानसिक सबलता भी मिलेगी। साथ ही उन्हें ऑनलाइन प्लेटफार्म से होने वाली आय से अपने रिटायरमेंट फंड को पूरक बनाने में मदद मिलेगी। लिडो एक बहुत ही फ्लैक्सिबल और सुविधाजनक विकल्प है। क्योंकि बुजुर्ग या सेवानिवृत्त शिक्षक अपने सेवा देने संबंधि खुद के घंटे तय कर सकते हैं और अपने घरों से आराम से काम कर सकते हैं। लिडो उन सभी वरिष्ठ नागरिकों को ऑनलाइन शिक्षण पर 5-दिवसीय प्रशिक्षण भी दे रहा है, जो उत्साही शिक्षक बनने की क्षमता रखते हैं। गणित और विज्ञान लिडो ट्यूटर कृष्ण विश्वनाथन, जो कंप्यूटर साइंस में परास्नातक हैं और 30 वर्षों से कॉर्पोरेट जगत से जुड़े हुए हैं। पिछले 3 वर्षों से वह मिडिल स्कूल के बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिन्होंने अपने समृद्ध अनुभव का बेहतरीन लाभ उठाया है। कृष्णन बताते हैं कि मैं अपने घर के आराम से बच्चों को पढ़ाने के अपने जुनून का पता लगाने के लिए लिडो में शामिल हुआ। उनका कहना कि लिडो जटिल विषयों को सरल बनाने और उन्हें बच्चों के अनुकूल तरीके से पेश करने के लिए बहुत सारे शोध करता है, जिससे शिक्षकों के लिए आकर्षक पाठों का संचालन करना संभव होता है जो रोचक और समझने में आसान होते हैं, साथ ही उसके द्वारा मुहैया कराए गए प्रशिक्षण ने मेरे पास मौजूद शुरुआती चिंताओं को दूर करने में बहुत मदद की। कृष्णनन ने बताया कि प्रशिक्षण के जरिए छात्र-शिक्षक के बीच दोस्ताना भूमिका निभाने की कला से मुझे अपने ऑनलाइन शिक्षण कौशल को निखारने में मदद मिली। इसके साथ ही सतत् प्रक्रिया में चलने वाले संवाद और लिडो द्वारा किए जाने वाले प्रतिक्रिया सुधार से शिक्षण पद्धति को बेहतर करने में मदद मिली। पहले से ही एक विशेषज्ञ, कृष्णन एक सेवानिवृत्त पेशेवर के रूप में लिडो पर छात्रों को सलाह देने के लिए अपना समय बिताने के लिए उत्सुक हैं। संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहिल सेठ का मानना है कि 20 साल से ज्यादा अनुभव के साथ सेवानिवृत्त होने वालो के सेवाएं देने से लिडो के शिक्षण आधार में बहुतेरी विविधता शामिल होंगी । सेठ कहते हैं कि अपने बच्चों और दादा-दादी सहित हजारों छात्रों के साथ बातचीत करने के बाद, वरिष्ठ शिक्षक ज्ञान और धैर्य से भरे होते हैं, जो कि लिडो के ऑनलाइन ट्यूशन समूहों में बच्चों के लिए बेहतर सीखने के परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने आगे कहा बताया कि पांच दिनों के छोटे से प्रशिक्षण के बाद वरिष्ठ और सेवानिवृत शिक्षक आराम से ऑनलाइन शिक्षा दे सकते हैं। एक महीने में 50 घंटे की कक्षाएं लेने के बाद वह अपने घरों में बैठे बैठे आराम से एक अच्छी राशि कमाते हैं। लिडो लर्निंग का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 500 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षक के रूप में नियुक्त करना है।

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