नई दिल्ली,
कोरोना महामारी के लिए देशभर में दस हॉट स्पाट बनाए गए हैं, जिसकी सहायता से संक्रमण के फैलाव पर नजर रखी जाएगी और अधिक सघन स्क्रीनिंग की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव द्वारा जारी आधिकारिक जानकारी के अनुसार महामारी से निपटने के लिए हॉट स्पॉट तय किया जाने का मतलब है कि जहां अधिक मरीज देखे जा रहे हैं वहां इसके फैलाव को रोकना। इसमें सरकार अधिक माइक्रो स्तर पर कोरोना प्रभावित और संदिग्ध मरीजों की पहचान कर पाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक की स्क्रीनिंग में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों की स्क्रीनिं की जाती थी, जैसे किसी परिवार में यदि एक मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया गया वह पिछले दस से पन्द्रह दिनों में किस किस के संपर्क में आया उन्हें क्वारंटाइन किया जाता था। लेकिन हॉट स्पॉट बनाने के बाद पॉजिटिव मरीज के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। एहतियात के रूप में इसे स्क्रीनिंग का बेहतर माध्यम बताया गया है, जिसमें अधिक से अधिक संदिग्ध मरीजों की भी पहचान की जा सकेगी। इस जोन में रोजाना स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा क्षेत्र को विसंक्रमित किया जाएगा, इसके साथ ही जोन के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों की क्वारेंटाइन किया जाएगा। ऐसा करने के पीछे यह प्रयास है कि एक भी कोरोना संदिग्ध ऐसा मरीज न छोड़ा जाएं जो आगे संक्रमण को बढ़ाने में कारगर हो सके। जिस क्षेत्र में अधिक मरीज पाए जाते हैं उसे हॉट स्पॉट जोन निर्धारित कर दिया जाता है। दिल्ली में दिलशाद गार्डन और निजामुद्दीन को हॉट स्पॉट बनाया गया है। जबकि देशभर में इस तरह के दस हॉट स्पॉट मुंबई, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, केरल सहित अन्य राज्यों में बनाए गए हैं।