नई दिल्ली,
कोरोना महामारी ने लोगों को सेहतमंद रहने की अहमियत बता दी है। इसी बात का ध्यान आम बजट में भी रखा गया है। सरकार ने पहली बार स्वास्थ्य बजट पर 137 प्रतिशत बजट बढ़ा दिया है। बीमारियों के महंगे इलाज से कहीं बेहतर है कि स्वस्थ्य आहार और व्यवहार को अपनाया जाएं, इसलिए सभी को स्वस्थ्य रहने की आदतों को अपनाना होगा। फिटनेस केन्द्र, हेल्थ सेंटर और नये पब्लिक हेल्थ यूनिट के माध्यम से सरकार ने सेहत को चौतरफ सुरक्षित करने की कोशिश की है, इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा को भी प्रमुखता दी गई है। बीमा क्षेत्र में एफडीए को बढ़ाया जाएगा, जिससे अधिक बेहतर स्वास्थ्य बीमा योजनाएं बनाई ज सकेगें।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया, जिसे सेहत वाला बजट भी कहा जा सकता है। 2.23 लाख करोड़ के स्वास्थ्य बजट को पेश करते हुए देश की आर्थिक स्थिति को स्वास्थ्य के सहारे पार उतारने की कोशिश की गई है। भारत में बनी कोरोना वैक्सीन को सौ अन्य देशों में भेजा जाएगा, जिससे विदेश मुद्रा का भंडार बढ़ेगा। स्वास्थ्य को बजट के केन्द्र में रखते हुए पहली बार सरकार ने स्वास्थ्य बजट 137 प्रतिशत खर्च बढ़ाया गया है, जिसे एक अच्छी शुरूआत कहा जा सकता है। चार नये वॉयरोलॉजी केन्द्र खुलने के साथ ही फिटनेस को भी प्रमुखता दी गई है, इसलिए पहली बार ऑटोमेटेड फिटनेस केन्द्र शुरू करने की योजना है। एक मायने से देखा जाएं तो सरकार अब बीमारी के इलाज की जगह स्वस्थ्य रहने को अधिक प्रमुखता देना चाहती जिससे एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण किया जा सके, 17 हजार हेल्थ सेंटर खोलना इस बात की ओर संकेत है कि सेहत अब एक उम्र विशेष के लोगों तक सीमित नहीं है। एक समय था बजट का अधिकांश भाग टीकाकरण कार्यक्रम, पुष्टाहार और शिशु रक्षा स्वास्थ्य पर खर्च किया जाता था, लेकिन अब स्वास्थ्य सबके लिए पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रीवेंटिव हेल्थ को लेकर सरकार जिस दिशा में सोच रही है यदि इसे सच में लागू कर दिया जाएं तो सिर्फ लोगों को सेहतमंद रहने की अहमियत पता चलेगी बल्कि बीमारी पर होने वाला प्रति व्यक्ति खर्च भी कम होगा।
स्वास्थ्य बजट की कुछ प्रमुख बातें
– कोरोना वैक्सीन पर 2021-22 में 35 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएगें। जरूरत पड़ी तो यह फंड बढ़ाया भी जा सकता है।
– न्यूट्रिशियन पर भी ध्यान दिया जाएगा, मिशन पोषण दो शुरू किया जाएगा।
– निमोकॉकल वैक्सीन को देशभर में शुरू किया जाएगा, इससे पचास हजार बच्चों की हर साल जान बचाई जा सकेगी।
– आत्मनिर्भर स्वास्थ्य बजट में 64,180 करोड़ रुपए खर्च किए जाएगें। यह बजट नई बीमारियों के इलाज के लिए भी होगा।
– इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफारमेशन पोर्टल शुरू किया जाएगा, ताकि पब्लिक हेल्थ लैब को कनेक्ट कर सकें।
– चार नये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायोलॉजी शुरू किए जाएगें
– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वल्र्ड हेल्थ बनाया जाएगा।