नई दिल्ली
भारत सरकार ने कोरोना की दो वैक्सीन के प्रयोग की अनुमति दे दी है। वैक्सीन लांच होने के बाद भी वैक्सीन को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए सभी क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्नोत्तर जारी किए हैं। वैक्सीन लगवाने के लिए किसी भी तरह सरकारी फोटो पहचान पत्र जरूरी है, वैक्सीन लगवाने वाली महिला या पुरूष वैक्सीन लेते समय यदि संक्रमित है तो उसे वैक्सीन नहीं दिया जाएगा। संक्रमित होने से 14 दिन की अवधि के बाद वैक्सीन लिया जा सकता है। वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज में 28 दिन का अंतराल होगा।
एम्स के निदेशक डॉ. रनदीप गुलेरिया ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के लिए सरकार ने तीन चरण के वर्ग को विभाजित किया है, पहली प्राथमिकता में डॉक्टर, हेल्थ केयर वर्कर और फं्रट लाइन वर्कर (कंटेंटमेंट जोन में काम करने पुलिस, सफाई कर्मचारी, आपदा प्रबंधन के कर्मचारी आदि) को वैक्सीन दिया जाएगा। सरकार ने दूसरे नंबर की प्राथमिकता सूची में पचास साल की उम्र के अधिक सिनियर सिटिजन और कोमोरबिड समूह (जिन्हें एक बीमरी के साथ कई अन्य बीमारियां हैं) को शामिल किया है। उपरोक्त दो प्राथमिक समूह के बाद अन्य लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा। बेहद कम समय में लांच गई वैक्सीन में सुरक्षा और गुणवत्ता के सभी मानकों का पालन किया गया है। कौन वैक्सीन लेना चाहता है और कौन नहीं यह पूरी तरह स्वैच्छिक होगा, बावजूद इसके संक्रमण को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अधिक से अधिक लोग कोरोना वैक्सीन की जरूरी डोज अवश्य लें। जिन्हें पूर्व में कभी कोरोना हो चुका है वह भी मजबूत रोगप्रतिरोधक क्षमता के लिए वैक्सीन लगवा सकते हैं। वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन एप पर जाकर पंजीकरण कराया जा सकता है। पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम मैसेज के जरिए दूसरी डोज की जानकारी दी जाएगी। बिना पंजीकरण के कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाया जा सकेगा। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन लगाने के एक हफ्ते तक व्यक्ति को संरक्षण में रखना होगा, किसी तरह की दिक्कत होने पर वह नजदीक के स्वास्थ्य कर्मचारी को सूचित कर सकता है। कोरोना की दूसरी डोज लेने के दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी बनती है, इसलिए किसी कारण वश यदि दूसरी डोज लेने से पहले ही मरीज वायरस के संपर्क में आ गया तो उसे कोरोना हो सकता है।