कोविड बढ़ते ही दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर मास्क अनिवार्य

नई दिल्ली,
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए डीडीएमए ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क अनिवार्य रूप से लागू कर दिया है। मास्क लगाने से संबंधित आदेश का पालन नहीं किए जाने वाले आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से 500 रुपए जुर्माना लगया है। मालूम हो कि दिल्ली सहित पूरे देश में बीते एक हफ्ते में कोरोना के मरीज और पॉजिविटी दर में बढ़ोतरी हो रही है। 21 अप्रैल को सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार देशभर में कोविड मरीजों की संख्या 2,067 देखी गई, जिसमें 1009 मरीज अकेले राजधानी दिल्ली में देखे गए। दिल्ली में कोविड पॉजिविटी दर 5.7 प्रतिशत दर्ज की गई है।
इस बावत दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बुधवार को हुई अहम बैठक में दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया। नियम का उल्लंघन करने पर 500 रुपए का जुर्माना अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है। हालांकि प्राधिकरण ने फिलहाल स्कूल बंद करने का आदेश जारी नहीं किया गया है, लेकिन कोविड के बढ़े हुए मामलों को देखते हुए टेस्टिंग सुविधा और स्क्रीनिंग को बढ़ा दिया गया है। मालूम हो कि इससे पहले भी कोविड से सुरक्षित रहने के लिए मास्क को ही बचाव का सबसे पुख्ता तरीका बताया गया था।

97 फीसदी लोगों में था ओमिक्रॉन, जनवरी से मार्च तक के आंकड़े
कोरोना से मरने वालों के एकत्र किए गए 578 नमूनों के जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला कि उनमें से 560 में ओमिक्रॉन वैरिएंट था। शेष 18 (तीन प्रतिशत) में डेल्टा सहित कोविड -19 के अन्य वैरिएंट थे। डेल्टा वही वैरिएंट है, जिसने पिछले साल अप्रैल और मई में दूसरी लहर के रूप में प्रचंड रूप दिखाया था। कुल मिलाकर, मार्च में देश की राजधानी दिल्ली में जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किए गए सभी 504 नमूनों में ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया। हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण फैल रही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पताल में भर्ती होने वाले और गंभीर मामले अपेक्षाकृत कम हैं। गौरतलब है कि 17 जनवरी तक दिल्ली के अस्पतालों में 15,505 कोविड -19 बिस्तरों में से अधिकतम 2,784 (17.96 प्रतिशत) बेड फुल हो चुके थे। जबकि दूसरी लहर के दौरान 21,839 बिस्तरों में से 20,117 (92 प्रतिशत) 6 मई तक फुल हो गए थे। दिल्ली में एक बार फिर संक्रमण की संख्या में तेजी देखी जा रही है। विशेषज्ञों ने इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों को मास्क सहित कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं करने के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

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