कोविड संक्रमित होने के बाद कोवैक्सिन की एक डोज भी कारगर

नई दिल्ली,
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के एक अध्ययन में इस बात का खुलासा किया है, कोविड संक्रमित हो चुके मरीजों को कोवैक्सिन की एक डोज भी उनती ही एंटीबॉडी बनाएगी, जिनती कि कोविड संक्रमित नहीं हुए लोगों को कोवैक्सिन की दोनों डोज देने के बाद बनती है।
इस बावत किए गए अध्ययन में आईसीएमआर की शोध टीम ने देखा कि जिन लोगों को कोरोना हो चुका है उनमें कावैक्सिन की एक डोज भी संक्रमण के प्रति पर्याप्त एंटीबॉडी का निर्माण करती है, ऐसे लोगों में एक डोज लेने के बाद उनती ही मात्रा में एंटीबॉडी देखी गई जिनती कि बिना कोविड संक्रमण वाले लोगों में वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद बनी।
एसएआरसीओवीटू के प्रति कोवैक्सिन का एंटीबॉडी रेस्पांस पता लगाने के लिए आईसीएमआर ने शोध किया, इसमें वैक्सीन लेने के एक महीने पहले और वैक्सीन लेने के दो महीने बाद के स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को शामिल किया गया, इस समूह में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों ने बीबीवी152 (कोवैक्सिन) की एक डोज लगाई थी। जबकि एक अन्य समूह के स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गईं। इसके बाद दोनों समूह में निर्मित एंटीबॉडी की तुलना की गई। कावैक्सिन की एक डोज लेने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के ब्लड सैंपल चेन्नई और दिल्ली में मई 2021 के मध्य में लिए गए। वैक्सीन की कोवैक्सिन डोज लेने से पहले सबसे पहले ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों के ब्लड सैंपल लिए गए, जिन्हें कोविड संक्रमण हो चुका था। ब्लड सैंपल में एसएआरसीओवीटू जांच से कोविड संक्रमण आईजीजी बेस लाइन का पता लगाया गया। अध्ययन को आईसीएमआर और एनआईआरटी की एथिक्स कमेटी द्वारा अनुमति दी गई। एंटीबॉडी के स्तर की तीन चरणों में जांच की गई पहला, वैक्सीन लेने का पहला दिन, वैक्सीन लेने के बाद एक महीने और दोनों डोज लेने के दो महीने बाद। शोध में शामिल केवल दो प्रतिभागियों को छोड़कर अन्य सभी प्रतिभागियों जिन्हें पहले कोविड संक्रमण हो चुका था, उनमें पहली कोवैक्सिन की पहली डोज लेने के बाद पर्याप्त एंटीबॉडी देखी गई। आईसीएमआर के वैज्ञानिक और मीडिया कोआर्डिनेटर लोकेश शर्मा ने बताया कि पायलट स्टडी के परिणाम सफल पाए गए हैं, यदि ऐसा ही अध्ययन व्यापक स्तर पर किया जाएं तो यह कहा जा सकता है कि कोविड संक्रमण के बाद कोवैक्सिन की एक डोज भी पर्याप्त एंटीबॉडी बनाने में कारगर है, और यह एंटीबॉडी उन लोगों के शरीर में बनी एंटीबॉडी के बराबर होगी जिन्हें कोविड नहीं हुआ है और जिन्होंने कोवैक्सि की दोनों डोज ली हुई हैं।

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