गर्भ में पल रहे बच्चे को अगर लंग्स की बीमारी है, तो उसका इलाज अब गर्भ में ही संभव है। देश में भारी संख्या में नवजात और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की सांस और लंग्स संबंधी बीमारियों से मौत हो जाती है। यह बात एक स्टडी में सामने आई है। ऐसी सांस संबंधी बीमारी का समय पर पता लगाकर बच्चे के जन्म लेने से पहले गर्भ में ही इलाज किया जा सकता है। एम्स की डॉक्टर नूतन अग्रवाल ने बताया कि बच्चे में बीमारी का समय पर पता लगाकर जन्म से पहले ही लंग्स में कमी को दूर किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि इस प्रोसीजर से नवजात के इलाज में सात गुना सुधार दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आज बड़ी संख्या में नवजात बच्चों की सांस और लंग्स संबंधी रोगों की वजह से मौत हो रही है। शोध के मुताबिक, नवजात बच्चों के लिए ऐसी सांस संबंधी बीमारी का नॉर्मल इलाज नहीं है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब 12.6 लाख बच्चों की मृत्यु ऐसी बीमारियों से हुई जिनका इलाज मुमकिन है।