घबराए नहीं बच्चों का कैंसर हो सकता है ठीक

Childhood Cancer Day. Childhood Cancer Awareness yellow ribbon. Vector illustration. Poster with gold ribbon.

आपके बच्चे का जीवन अनमोल है, जिसे बीमारियों से सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है। लेकिन कैंसर के बढ़ते खतरों से बचपन भी सुरक्षित नहीं है। अकेले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बीआरसी कैंसर सेंटर में हर साल कैंसर के शिकार 800 बच्चों को थेरेपी दी जाती है। खतरा बढ़ा है, लेकिन बचाव भी है। बड़ों की अपेक्षा बच्चों में 86 प्रतिशत कैंसर को सही किया जा सकता है।

एम्स के डॉक्टर जी के रथ ने कहा कि बच्चों को कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए संस्थान समय समय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। बीमारी से बचने के लिए जरुरी है कि इसकी सही समय पर जांच हो, इसके लिए चिकित्सक से संपर्क में रहना चाहिए। संस्थान में कैंसर के शिकार बच्चों के ठीक होने का प्रतिश बीते पांच साल में चार गुना बढ़ा है, जिसकी प्रमुख वजह बीमारी को लेकर जागरुकता का बढ़ना है।

कारगर है स्टेम सेल्स थेरेपी
कम उम्र होने के कारण बड़ों की अपेक्षा बड़ों में स्वस्थ सेल्स बनने की प्रक्रिया 60 गुना अधिक होती है। जिसकी वजह से नई व स्वस्थ सेल्स कैंसर युक्त सेल्स की जगह ले लेती है। स्टेम सेल्स थेरेपी का भी बच्चों पर बेहतर प्रयोग देखा गया है। एम्स में पीडियाट्रिक ऑनकोलॉजी में बीते छह साल में ब्लड कैंसर के शिकार छह बच्चों पर स्टेम सेल थेरेपी का सफल प्रयोग किया जा चुका है।

बाल कैंसर का आंकड़ा
बढ़ा है सही होने का प्रतिशत
हॉडकिंग्स लिम्फोमा – 86 प्रतिशत
ट्यूमर- 62 प्रतिशत
आंखों का कैंसर- 80 प्रतिशत
ब्लड कैंसर- 82 प्रतिशत

दिल्ली के 6000 बच्चे हुए ठीक
कैनकिड स्वयं सेवी संगठन के सहयोग से वर्ष 2004 से शुरू किए गए कैंसर केयर प्रोग्राम से अब तक दिल्ली के 6000 बच्चे जुड़ चुके हैं। जो बीमारी से जंग जीतकर अब दूसरों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं। संगठन के संस्थापक पूनम बघई ने बताया कि अभियान का लक्ष्य है कि कैंसर के शिकार किसी भी बच्चे का जीवन खत्म न हो पाएं, इसलिए सही समय पर इलाज जरुरी है।

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