घरों में सजाई गई सहूलियत की चीजों में शामिल एअर कंडीनशर या एसी भी आबो हवा में जगह घोल रहा है। दिल्ली के विभिन्न रिहायशी, व्यवसायिक और एसी पॉवर प्लांट जगहों पर किए गए अध्ययन के अनुसार इनसे निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड सहित अन्य जगहरीली गैस हवा को प्रदूषित कर रही है। एसी को इंडोर प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार माना गया है जो डस्ट या धूल की एलर्जी को बढ़ा रहा है। पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के रेस्पेरटरी और एलर्जी विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन में एसी को प्रदूषण का अहम कारक माना गया है। इंडियन जर्नल ऑफ एलर्जी एंड अस्थमा में शोध प्रकाशित किया गया है।
इंडोर प्रदूषण का सेहत पर असर जानने के लिए एसी लगे 80 घरों का चयन किया गया, जबकि नेहरू प्लेस की 10 कामर्शियल इमारत और पांच पॉवर प्लांट से निकलने वाली गैस का मुआयना किया गया। पाया गया कि एक सामान्य वातावरण की अपेक्षा दो या तीन एसी लगे घर में 2 से 35 गुना पीपीएम का स्तर अधिक देखा गया। जबकि एक अनुमान के अनुसार 24 घंटे एसी के संपर्क में रहने वाले एक व्यक्ति की सेहत पर एक दिन में बीस सिगरेट पीने जैसा नुकसान देखा गया। रेस्पेरेटरी मेडिसन विभाग के प्रमुख और अध्ययन कर्ता डॉ. राजकुमार ने बताया कि एसी पॉवर प्लांट या एसी से निकलने वाली जहरीली हवा एआरआई (एक्यूट रेस्पेरटरी इंफेक्शन) को बढ़ाती है, वैश्विक स्तर पर वर्ष 2010 में होने वाली कुल मौत में छह प्रतिशत मृत्यु एआरआई की वजह से हुई। दरअसल एसी से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा क्लोरोफ्लोरल कार्बन(सीएफसीएस), हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन(एचसीएफसीएस) गैस भी छोड़ती हैं, जो हवा को दूषित करते हैं। हालांकि विकसित देशों में अब जहरीले कूलिंग एजेंट की जगह ओजोन सुरक्षित एजेंट इस्तेमाल किए जा रहे है। जबकि भारत में 2040 तक एचसीएफसीएस के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है।
किसकी कितनी प्रदूषण में हिस्सेदारी
घरों के एसी- 12.2
कामर्शियल इमारत- 23.2
एसी प्लांट- 26.8
नोट- इसमें सार्वजनिक वाहन व चारपहिया वाहन से निकलने वाले कार्बन डाई ऑक्साइड को शामिल नहीं किया गया है।
सेहत के लिए भी खतरा
एसी के तापमान के बैक्सीटिया के पनपने के लिए सटीक माना जाता है। विशेषज्ञों ने एसी के बायोलॉजिकल असर को जानने के लिए एसी फिल्टर और एसी के संपर्क में आने वाली जगहों को भी अध्ययन में शामिल किया गया। डॉ. राजकुमार ने बताया लेजियोनेला न्यूमेफिला को एसी जनित बैक्टीरिया माना जाता है अपर रेस्पेरेटरी सिस्टम को संक्रमित करता है। एसी क्योकि शरीर से आद्रता को खींच लेता है इसलिए अधिकतर लोगों में एसी की वजह से होने वाली स्किन एलर्जी भी देखी गई है। हालांकि बचने के लिए एसी फिल्टर को नियमित बदलने और एसी में कम समय बीताने की सलाह दी जाती है।