जांघ में लगी गोली का इलाज पैर के नर्व से

एक अफगानी मरीज को गोली लगने की वजह से बेकार हुई टांग को डॉक्टरों ने रेयर तरीके से उसके पैर के नीचले हिस्से से नर्व निकाल कर थाई को रिपेयर किया और वह फिर से अपने पैरों पर खड़े होने की स्थिति में आ गया है।
अपोलो स्पेक्ट्रा के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर पुनीत दिलावरी के अनुसार 0.2mm साइज के नर्व से 1.5mm साइज का नर्व बनाया गया। टांग के ऊपरी हिस्से में गोली लगने से बुरी तरह से डैमेज हुए नर्व को मल्टीपल ग्राफ्टिंग से रिपेयर किया गया। घुटने के पास से सुरल नर्व निकाल कर साइटिक नर्व रिपेयर किया गया।
डॉक्टर पुनीत दिलावरी ने बताया कि दाहिने थाई में गोली लग गई थी। गोली के जख्म की वजह से साइटिक नर्व कट गया था। उनका इलाज तो किया गया था, लेकिन नर्व के रिपयेर नहीं होने की वजह से वह चल नहीं पा रहे थे। उनके पैरों में जान नहीं आ रही थी। इस बीमारी में सिर्फ एक ही इलाज है कि सब्टीट्यूट नर्व का इस्तेमाल किया जाए।
डॉक्टर ने कहा कि लेकिन साइटिक नर्व का साइज मोटा होता है। आमतौर पर इसका साइज 1.5 mm होता है। घुटने के पास सुरल नर्व होता है, जिसका यूज कम होता है। हालांकि इसका साइज सिर्फ 0.1mm से 0.2 mm के बीच में होता है। इतने पतले नर्व को निकाल कर 1.5 mm का नर्व बनाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। डॉक्टर ने कहा कि टांग से सुरल नर्व निकाल कर रिपेयर किया गया। यह माइक्रो लेवल पर किया जाता है ताकि नर्व किसी तरह से डैमेज नहीं हो। सर्जरी के छह महीने बाद मरीज के पैर में जान आ गई है।

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