जायडस कैडिला होगी पहली नीडल रहित डीएनए कोविड वैक्सीन

नई दिल्ली,
डीजीसीआई (DGCI) ने अहमदाबाद स्थित फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की नीडल रहित कोविड (COVID19) वैक्सीन को इमरजेंसी प्रयोग की अनुमति दे दी है। यह भारत की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन होगी, जिसे नीडल बिना तीन डोज में दिया जाएगा। इसे व्यस्क सहित 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी प्रयोग किया जा सकेगा।
जायकोवीडी (ZYCOV-D) बच्चों में प्रयोग की जाने वाली कोविड वैक्सीन होगी, बड़ों के साथ ही 12-18 साल के आयुवर्ग के बच्चों में इसे इस्तेमाल करने की मंजूरी डीजीसीआई (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) द्वारा दे दी गई है। वैक्सीन को एक तरह के उपकरण फार्माजेट एप्लीकेटर द्वारा लगाया जाएगा, जिससे सूई से होने वाले दर्द को लगभग खत्म कर दिया जा सकेगा। वैक्सीन लगाने में बच्चों या बड़ों को दर्द का अनुभव नहीं होगा। भारतीय वैज्ञानिकों ने डीएनए आधारित पहली कोविड वैक्सीन लांच करने में सफलता हासिल की है, जिसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी प्रशंसा की है। जायडस कैडिला की तीन डोज की वैक्सीन प्रयोग करने की अनुमति से पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने वैक्सीन की गुणवत्ता और प्रभावकारिता का मुआयना किया, जिसमें सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन द्वारा जायडस कैडिला के प्रस्ताव पर विचार किया गया, जिसके बाद कैडिला की तीन डोज की नीडल रहित कोरोना वैक्सीन को अनुमति दी गई। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की सहमति के बाद डीजीसीआई ने जायडस कैडिला की तीन डोज वैक्सीन को बिना किसी बाधा के प्रयोग के लिए अनुमति दे दी है। वैक्सीन के संदर्भ में किए गए परीक्षणों पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किए गए अध्ययनों के अनुसार जायडस कैडिला के प्रारंभिक चरण के परीक्षण में 28 हजार ए सिम्पमैटिक आरटीपीसीआर पॉजिटिव प्रतिभागियों में वैक्सीन की प्रभावकारिता 66.6 प्रतिशत देखी गई। डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड द्वारा पहले और दूसरे क्लीनिकल ट्रायल में वैक्सीन की गुणवत्ता और प्रभावकारिता को सुरक्षित बताया गया। डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की सचिव डॉ. रेणू स्वरूप ने कहा कि यह हमारे के लिए गर्व का समय है, भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिलकर विश्व की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन को लांच किया जा रहा है, इसके इमरजेंसी प्रयोग की अनुमति दे दी गई है।

कैसे काम करेगी नई वैक्सीन
जायडस कैडिला की नई वैक्सीन डीएनए आधारित होगी, इसे लगाने के बाद यह वायरस एसएआरसीओवीटू के स्पाइक प्रोटीन का निर्माण करेगी और इसके प्रति इम्यून रेस्पांस हासिल करेगी, इम्यून रेस्पांस की वायरस से बचने में अहम भूमिका होती है, कुछ वैक्सीन कुछ लोगों में मजबूत इम्यून रेस्पांस विकसित नहीं कर पाती है या कह सकते हैं कि वह रोग प्रतिरोधक क्षमता को गच्चा दे सकती है। प्लग एंड प्ले तकनीकि पर आधारित प्लाज्मिक डीएनए प्लेटफार्म आधारित जायडस कैडिला वैक्सीन वायरस के किसी भी प्रकार के उत्परिवर्तन या म्यूटेशन से निपटने के लिए आसानी से इसे अनुकूलित किया जा सकता है, जैसा कि वायरस में म्यूटेशन पहले से ही देखा जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *