घर की रसोई से निकलने वाला कचरा प्रदूषण (c) को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कचरे से तैयार स्प्रे पर आईसीएमआर (ICMR) ने शोध (Research ) किया, पाया गया कि एंजाइम्स बाजार में मौजूद कई तरह एअर प्यूरीफायर(air purifier) से अधिक बेहतर है। जैविक कचरे के स्प्रे के रूप में अधिक बेहतर इस्तेमाल करने और इसे घर पर ही तैयार करने के लिए आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) लोगों को प्रशिक्षण भी दे रहा है।
जैविक कचरे से तैयार स्प्रे को बनाने में तीन महीने का समय लगता है। जिसका झिड़काव 100 से 200 मीटर तक की दूरी के धूल के कणों के प्रभाव को कम कर हवा को साफ करता है। आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ. नीता कुमार ने बताया कि एंजाम्स में मौजूद प्रोटीन (protein) जैविक क्रिया प्रतिक्रिया के जरिए हवा में मौजूद जहरीले कणों को बिना खत्म करते हैं। अहम यह है कि इससे वातावरण में नकारात्मक असर भी नहीं पड़ता है। संस्थान में इस बावत किए एक शोध के अनुसार किचन के कचरे से तैयार जैविक एंजाम्स में ऐसे बैक्टीरिया रोधी तत्व देखे गए हैं जो भौतिक और रासायनिक (chemical) प्रदूषण को भी कम करते हैं। जिससे कृषि कार्य, वातारण और घरेलू चीजों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे तैयार होता है स्प्रे
किचन से निकलने वाले सब्जी के छिलके, चाय की पत्ती, बासी खाना और सड़े हुए फल आदि को एक जगह डिब्बे में इकठ्ठा करें। डिब्बे या जार में काला गुड़ या चीजी मिलाकर इसे अच्छी तरह बंद करके तीन महीने के लिए अंधेरे कमरे में रखा जाता है। तीन महीने बाद इस घोल में कीड़े या एंजाम्स पैदा हो जाते हैं, जिसे दूर करने के लिए चीनी डाली जाती है। इस घोल को छान कर स्प्रे के रूप में प्रयोग किया जाता है।
कहां-कहां हो सकता है इस्तेमाल
– घर के सिंक में जमी गंदगी, बॉथरूम और टाइल्स की गंदकी साफ करने के लिए
– फर्श साफ करने और कपड़े धोने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है यह घोल
– हैंडवॉश के रूप में भी किया जा सकता है स्प्रे को प्रयोग
– तालाब या नदी के जमा पानी में ठहरे हुए बैक्टीरिया को हटाने के लिए
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