जॉब के सिलसिले में बार बार बाहर का ट्रिप, नींद और बेचैनी बढ़ा सकती है

नई दिल्ली: एक अध्ययन के अनुसार काम के सिलसिले में बार बार बाहर का दौरा करने वाले लोगों में बेचैनी और अवसाद का खतरा बढ़ने की संभावना होती है। उनके धूम्रपान करने की, उनके सुस्त होने की और नींद में दिक्कत का सामना करने का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक शराब का सेवन करने वाले लोगों में काम के सिलसिले में बाहर की यात्रा करने का संबंध शराब पर बढ़ती निर्भरता से है। उन्होंने कहा कि काम के सिलिसले में घर से बाहर रात बिताने का क्रम बढ़ने के साथ, इसका मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड सकता है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ ऑक्यूपेशनल एंड इन्वायरनमेंटल मेडिसन में प्रकाशित हुआ है।

अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एसोसियेट प्रोफेसर एंड्रयू रंडल ने कहा कि हालांकि काम के सिलिसले में बाहर की यात्रा को कार्यस्थल पर लाभ के रुप में देखा जा सकता है । इससे पेशे में आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है । इस बात के काफी साक्ष्य हैं जो बताते हैं कि काम के सिलसिले में बार बार बाहर का दौरा करने का संबंध जीवनशैली के कारकों से संबंधित पुरानी बीमारियों के खतरे से है। यह अध्ययन 2015 में स्वास्थ्य आकलन कराने वाले 18,328 कर्मचारियों के स्वास्थ्य आंकडे पर आधारित है।

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