नई दिल्ली,
कोरोना संक्रमण के अगले स्तर का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार ने कमर कस ली है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के रूप में विकसित किए गए एम्स झज्जर को कोविड मरीजों के लिए तैयार किया जा रहा है। मंत्रालय के साथ हुई स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने 60 निजी लैबोरेटरी को भी कोविड जांच के लिए सम्बद्ध किया है। यहां जांच के लिए मरीजों को चार से साढे़ चार हजार रुपए देने होंगे। इसी बीच शाम तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 370 हो गई है।
आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि कोविड के अगले चरण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 800 बेड के एम्स झज्जर अस्पताल को पूरी तरह कोरोना मरीजों के लिए प्रयोग किया जाएगा। डॉ. भार्गव ने बताया कि कोरोना प्रभावित अन्य देशों में अब भी कई भारतीय फंसे हुए हैं, जो वापस आना चाहते हैं। सोशल डिस्टेसिंग की सहायता से फिलहाल वायरस संक्रमण की चेन रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए कोरोना प्रभावित राज्यों को 31 मार्च तक पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है। सरकार ने सैंपल की संख्या को देखते हुए लैबारेटरी बढ़ाई हैं इस समय कुल 116 सरकारी और 60 निजी लैबोरेटरी को कोरोना जांच के लिए सम्बद्ध किया गया है। दिल्ली में छह लैबोरेटरी में अब कोरोना की जांच की जाएगी, जिसमें एम्स, राममनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, आर्मी रिसर्च एंड रेफरल, नेशनल सेंटर फॉर डिसीस कंटोल और लिवर इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलरी साइंस को रखा गया है।