नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) ने गरीब मरीजों को इलाज में डिवाइस खरीदने के लिए 20 हजार रुपये तक मदद करेगी। मरीजों के मदद के लिए आईएमए ने एक अनूठे पहल की भी शुरुआत की है। आईएमए के प्रेसिडेंट डॉक्टर के के अग्रवाल ने शपथ ग्रहण करते ही यह बड़ी घोषणा की और कहा कि उनसे मिलने के लिए आने वाले हर एक इंसान से मदद के लिए एक रुपये मांगेंगे, साथ में जो लोग उनके स्वागत के लिए फूल या शॉल करते हैं, वो फूल या शॉल ग्रहण नहीं करेंगे, बल्कि जितने रुपये का शॉल या फूल है उतने रुपये फंड में जमा कराने की अपील करेंगे। आईएमए बिहार और केरल ने इसके लिए दस दस लाख रुपये इस फंड में जमा भी करा दिए हैं।
डॉक्टर अग्रवाल ने आईएमए ने कम्यूनिटी वेलफेयर फंड लांच किया है। उन्होंने कहा कि मरीज का सरकारी अस्पताल में इलाज फ्री हो जाता है, दवा भी फ्री में मिल जाती है, जांच भी फ्री है, लेकिन जब जान बचाने के लिए कोई डिवाइस खरीदना होता है तो मरीज के पास पैसे नहीं होते हैं। अब ऐसे मरीजों की मदद के लिए आईएमए के यह फंड लांच किया है। जहां तक इस फंड में आने वाले पैसे की बात है तो इसके लिए आईएमए के प्रेसिडेंट के तौर पर उनके पास मिलने आने वाले हर इंसान से एक रुपये लेंगे। अगर वह इंसान हर दूसरे दिन आता है तो हर दूसरे दिन एक रुपये देने होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक अनूठी पहल है, उन्होंने कहा कि यही नहीं हमारे स्वागत के लिए जो फूल लेकर या शॉल देंगे, हम वह फूल या शॉल स्वीकार नहीं करेंगे, हम उसके बदले उतने पैसे फंड के लिए मांगेगे। इसे आम लोग जरूर स्वीकार करेंगे।
डॉक्टर ने कहा कि हर मीटिंग में शामिल होने वाले डॉक्टर, असोसिएशन के स्टाफ और आम लोगों से इस तरह फंड के लिए पैसे जमा किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट कम से कम पूरे साल में 500 लोगों की मदद करने का है। इसके लिए बिहार आईएमए ब्रांच और केरल ने दस दस लाख रुपये जाम भी करा दिए हैं। यह एक प्रकार का सोशल रेंस्पांसब्लिटी है और लोगों को जागरूक करने का एक नया तरीका है। डॉक्टर ने कहा कि अब ऐसे मरीज को 20 हजार रूपये से मदद मिलती है तो उनकी परेशानी काफी कम हो जाएगी।
डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि इसके लिए आईएमए पांच डॉक्टरों की एक कमेटी बनाएगी जो ऐसे गरीब मरीजों के मदद करने के लिए काम करेंगे। जो लोग मदद के लिए आएंगे, डॉक्टर की टीम यह जांच करेगी कि मरीज को यह फंड मिलना चाहिए या नहीं। क्योंकि अमीर मरीज के लिए यह सुविधा नहीं है। इसके लिए हर स्टेट में आईएमए की एक स्टेट कमेटी बनाई जाएगी।