दिल्ली में हीमोफिलिया मरीजों को जनवरी ने नहीं मिल रहा फैक्टर

नई दिल्ली,
दो दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने कोरोना एप लांच किया है। लेकिन एप में खाली दिखाए गए बेड हकीकत में मरीजों की पहुंच से दूर है। दिल्ली की 75 वर्षीय अस्थमा पीड़ित महिला की दो दिन पहले ही कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। मोबाइल एप पर दिखाए गए बेड के बाद जब बुजुर्ग महिला का बेटा मां को लेकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचा तो उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया। बताया गया कि आठ से दस घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है। महिला मरीज न सिर्फ अत्यधिक वृद्ध है, लेकिन वह बीमार भी है, इसलिए वह बेड के लिए इंतजार नहीं कर सकती। बुजुर्ग महिला के बेटे ने वीडियो के माध्यम से अपनी सासु मां की बिगड़ती सेहत के बारे में बताया है।
युवक ने बताया मेरी सासु मां का नाम उमा अरोड़ा है, और उन्हें अस्थमा है और दो दिन पहले ही उनकी कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। युवक ने बताया कि हमने मोबाइल में दिल्ली सरकार को कोरोना एप डाउनलोड कर रखा है, जिसके माध्यम से हमें पता चला कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बेड खाली है। मोबाइल एप पर बेड की उपलब्धता को देखते हुए जब हम माता जी को लेकर अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि बेड खाली नहीं है, आपको आठ से दस घंटे इंतजार करना होगा, इसके बाद भी बेड मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। युवक ने बताया कि माता जी का सरगंगाराम अस्पताल से अस्थमा का इलाज चल रहा है, उन्होंने भी माता जी को भर्ती करने से मना कर दिया। युवक से एक वीडियो के माध्यम से समाजसेवी अशोक अग्रवाल तक अपनी बात पहुंचाई है और कहा कि दिल्ली सरकार के एप पर दिखा रहे खाली बेड बेमानी है। मेरी माती जी अस्थमा की मरीज हैं और वह पांच मिनट भी इंतजार नहीं कर सकती। मालूम हो कि सोमवार को दिल्ली सरकार ने दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेड के लिए मोबाइल एप लांच किया था, जिससे मरीज घर बैठे अस्पतालों में बेड की स्थिति का पता लगा सकते हैं, लेकिन एप पर दिखने वाले बेड मरीज की पहुंच से बहुत दूर हैं।

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