दीपिका ने गांवों में जाकर बिखेरी मुस्कान

कनार्टक के दावेन्गर गांव के एक चबूतरे पर बैठे बुजुर्ग मणिक की आंखें खुशी से झूम उठी, जब उन्होंने देखा की दीपिका पादूकोण उनके गांव में आई है। मणिक इससे पहले की समझ पाते, दीपिका बेहद सहज अंदाज में गांव की एक झोपड़ी में जाकर बैठ गई, दीपिका के साथ ही उनकी द लिव लव लॉफ फाउंडेशन की टीम, दरअसल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ग्रामीणों में होने वाले तनाव को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का तनाव कम करने के लिए टीम का यह प्रयास था। दीपिका ने यहां लोगों से उनकी सामान्य जीवन से जुड़ी परेशानियां पूछी और उन्हें स्वस्थ और खुश रहने की बात कही।
दीपिका ने बताया कि क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने वाले संगठनों की मदद से मंगलवार को 800 लोगों तक पहुंचा जा सका, एसोसिएशन ऑफ पीपल्स विथ डिस्एबिलिटी की मदद से मानसिक स्वास्थ्य जांच की टीम बीते दो साल में दो तालुक की जगह अब छह तालुक तक पहुंच गई है। आगे भी फाउंडेशन ऐसे लोगों की मदद से बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के अपने मिशन को पूरा करेगी। द लिव लव लॉफ फाउंडेशन की चेयरपर्सन एना चैंडी ने बताया कि शहरों के एवज में गांवों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी की पहचान करना अधिक मुश्किल है। जबकि बीते कुछ सालों में शहरों के साथ ही गांवों में भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ी हैं। एना ने बताया कि कर्नाटक के दावेन्गर गांवों में लोगों के घरों में जाकर उनसे परेशानी के बारे में बात करते के लिए कहा गया। मानसिक रोग की परेशानी से जूझ रहे लोगों को नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाया गया। इस दौरान 217 ऐसे लोगों की पहचान की गई, जो मानसिक रूप से बीमार थे। मालूम कि फाउंडेशन द्वारा यू आर नॉट एलोन, दोबारा पूछो सहित कई अभियान चलाएं जा रहे हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य रोगियों को एक बेहतर सामाजिक माहौल दिया जा सके। अभियान के तहत देशभर के दो हजार डॉक्टर चालीस हजार स्कूली छात्र और छह हजार अध्यापिकाएं जुड़ी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *