लाइफ लाइन एक्सप्रेस यानी पटरियों पर दौड़ते अस्पताल में दो अन्य डिब्बों को जोड़ दिया गया है। यह डिब्बे कैंसर के इलाज और परिवार नियोजन के लिए होंगे। गुरुवार को रेलमंत्री सुरेश प्रभु और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नए डिब्बों को उदघटान किया। इससे पहले उदघाटन समारोह मंगलावर को होना था मगर तामिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन की वजह से इसे टाल दिया गया था।
जोड़े गए नए डिब्बों में एक सर्विइकल, ब्रेस्ट और ओरल कैंसर की जांच और इलाज के लिए होंगे। साथ ही फैमली प्लानिंग या परिवार नियोजन के लिए भी अलग डिब्बा होगा। इस ट्रेन में तीन ऑपरेशन थियेटर और सात ऑपरेशन टेबल मौजूद हैं। देश के जिन इलाकों में अब तक अस्पताल की पहुंच नहीं हो पाई, वहां यह चलता फिरता अस्पताल पहुंचता है। करीब 20 से 25 दिन एक इलाके में रुक कर मरीजों का इलाज करता है। ट्रेन में विशेषज्ञ चिकित्सकों, नर्सों और टेक्निीशियनों के अलावा सफाई कर्मियों की पूरी टीम मौजूद रहती है। बीते 25 सालों से चल रही इस ट्रेन पहले चार तरह की सर्जरी पहले हुआ करती थी।
मगर अब दो नए डिब्बों ने इस चलते – फिरते अस्पताल को नई ताकत दी है।
जानकारी के मुताबिक अब तक लाइफ लाइन एक्सप्रेस से एक लाख तीस हजार सर्जरी और 10 लाख लोगों का इलाज अब तक हो चुका है। पहले पांच बोगी वाली यह एक्सप्रेस गुरुवार से सात डिब्बों को हो गई है। जहां तक जांच सुविधाओं की बात है इसमें एक्स रे, मेमोग्रॉफी, अलट्रसाउंड और पैथॉलजी लैब भी लगाया जा रहा है। बता दें कि इसके संचालन में इमपैक्ट इंडिया फाउंडेशन, स्वास्थ्य मंत्रालय, रेलवे तीनों का सहयोग है। स्वास्थ्य मंत्रालय को उम्मीद है कि हर एक स्टॉप पर ट्रेन कम से कम दस हजार लोगों को लाभ पहुंचाएगी। इसका पहला पड़ाव सतना, मध्य प्रदेश होगा। जहां 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच ट्रेन रुकेगी। इसके बाद देश के अन्य कोनों में भी इसे पहुंचाने की योजना है।