नई दिल्ली: अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं और आप बिना ब्रांड वाले टॉयलेट क्लीनर का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि यह आपको गंभीर परिणाम दे सकते हैं। आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों ने ऐसे ही एक बच्चे की जान बचाई है, जिसने गलती से घर में पानी की बोतल में रखे टॉयलेट क्लीनर को पानी समझ कर पी लिया था। इससे उसकी आहार नाल (फूड पाइप) जल गई थी, जिसके लिए उसका पेट काटकर आहार नाल बनाना पड़ा। खास बात यह है कि आरएमएल में होनी वाली यह अपने तरह की पहली सर्जरी है।
आरएमएल अस्पताल के पीडीयाट्रीक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पिनाकी रंजन देवनाथ बताते हैं कि पिछले वर्ष जनवरी महीने में उनके पास हरियाणा के नूंह का एक करीब नौ साल का लड़का समीर आया था। उसके पिता ने बताया कि समीर ने गलती से घर में फ्रिज पर रखा टॉयलेट क्लीनर पी लिया है। जिसके बाद उसे खून की उल्टियां आने लगीं। इसके बाद वह कुछ खा पी नहीं पा रहा था। यहां तक की अपना थूक भी नहीं निगल पा रहा था। जांच करने पर पता चला कि बच्चे का आहार नाल जलकर खराब (कॉस्टीक इसोफेगस इंजरी) हो चुका था। इसकी वजह से बच्चे का वजन भी घटकर महज 13 किग्रा ही रह गया था।
छह घंटे तक चला ऑपरेशन
डॉ. पिनाकी बताते हैं कि उस समय बच्चे का वजन बहुत कम होने की वजह से ऑपरेशन करना मुश्किल था। ऐसे में उसके आंतों में एक पाइप जोडी गई जिसके जरिए उसे दूध और जूस दिया जा सके और वह पोषण पा सके। इसके करीब तेरह महीने बाद जब उसका वजन 24 किग्रा हो गया, तब 27 फरवरी को उसका ऑपरेशन किया गया। इसमें उसके पेट के एक हिस्से को काटकर आहार नाल बनाया गया। इसे गर्दन तक लाकर जोड़ दिया गया। इसमें करीब छह घंटे का समय लगा। जिसमें डॉ. पिनाकी के नेतृत्व में डॉ. अतुल, डॉ. शालू और डॉ. विजय के अलावा पीडीयाट्रीक सर्जरी विभाग के कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया।
दो महीने बाद होगी आखिरी सर्जरी
डॉ. पिनाकी की मानें तो करीब दो महीने बाद समीर की एक और सर्जरी होगी। जिसमें आहार नाल को मुंह के नली से जोड़ा जाएगा। क्योंकि इससे पहले इसे जोड़ने पर नली के खराब होने की संभावना है। उनका कहना है कि पेट के अलावा आंतों से भी आहार नाल बनाया जा सकता है, लेकिन आंतों के जल्द काले पड़ने की संभावना रहती है। जिससे मरीज के लिए खतरा बना रहता है।