चिकित्सा संबंधी उपकरणों की खरीद फरोख्त और तकनीकि जानकारी देने के लिए प्रगति मैदान में तीन दिवसीय इंडियन फार्मा एक्सपो का शुभारंभ किया गया, कार्यक्रम का उद्घाटन डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यिुटिकल मिनिस्ट्री ऑफ कैमिकल्स के संयुक्त निदेशक डॉ. सुधांशु पंत द्वारा किया गया और मोनिका भाटिया द्वारा किया गया, मौके पर मौजूद संयुक्त निदेशक ने कहा कि इस प्लेटफार्म की मदद से चिकित्सा जगत के खरीददार और निर्माता आदि सभी को एक प्लेटफॉर्म पर आने का मौका मिला है।
मोनिका भाटिया ने बताया कि जीएसटी देश का अब तक का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है, जिसकी वजह से भारतीय फार्मा उद्योग को फायदा मिलेगा, जीएसटी के आने के बाद दवा विक्रेताओं का इसका फायदा मिलना शुरू हो गया है। जिसके चलते आम आदमी को भी लाभ मिल रहा है। तीन दिवसीय इंडियन फार्मा एक्सपो 2017 में विश्व स्तरीय फार्मा कंपनी, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमी और अन्य निर्माता एक जगह इकठ्ठा हुए हैं। मालूम हो कि दवा उद्योग में भारतीय कंपनियों ने काफी तरक्की की है। मेक इन इंडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 तक भारत दवाओं का तीसरा सबसे बड़ा बाजार होगा, इस वर्ष तक लगभग 45 बिलियन डॉलर का रेवेन्यु फार्मा सेक्टर से मिलेगा। गौरतलब है कि भारत में दवा निर्माण की कीमत यूरोप और यूएएस ने बनाई जा रहीं दवाआें से बेहद कम है। यह सेक्टर 2018 तक लगभग 18.98 लाख और 2022 तक लगभग 24.64 लाख रोजगार मुहैया कराएगा। एक्सपो में फार्मा के क्षेत्र से जुड़ी सौ प्रमुख कंपनियां भाग ले रही हैं।