मिनी, नई दिल्ली: तंजानिया के 32 वर्षीय ओमार को बीते कई दिनों से पेट में दर्द की शिकायत थी। कई तरह की जांच के बाद भी जब दर्द में आराम नहीं हुआ तो ओमार पेट का इलाज कराने के लिए भारत पहुंचे। तंजानिया में ओमार की सर्जरी भी हुई लेकिन उसे कोई आराम नहीं मिला। सरगंगाराम अस्पताल में सीटी स्कैन जांच में पता चला कि मरीज के पेट में फुटबॉल के आकार के दो ट्यूमर हैं। लिवर और मलाश्य में मौजूद ट्यूमर यूरीन ब्लेडर या मूत्राश्य पर भी दवाब बना रहा था। जीआइएसटी या गैस्ट्रो इंटेशटिनल स्ट्रोमल ट्यूमर के इस केस में यदि मरीज की जल्दी सर्जरी नहीं की जाती को मूत्राशय में रूकावट किडनी को भी प्रभावित कर सकती थी।
सरगंगाराम अस्पताल के गैस्ट्रोइंटेस्टिाइनल हेपाटोबिलियरी विभाग के डॉ. विवेक मंगला ने बताया कि मरीज का इलाज करने में दो सबसे बड़ी चुनौती थी, पहला ट्यूमर लिवर के एक बडे़ हिस्से को घेरे हुए था, जिसकी वजह से लिवर की सामान्य प्रक्रिया बाधित हो रही थी, दूसरा बड़ा ट्यूमर मलाशय में था, जिससे मरीज की किडनी पर दवाब बन रहा था। जीआईएसटी जांच में मरीज के ट्यूमर की स्थित का सटीक अंदाजा लगाया गया, जिसके बाद सर्जरी कर ट्यूमर को निकाल दिया गया। मालूम को कि ट्यूमर की वजह से मरीज सामान्य रूप से मलमूत्र का त्याग भी नहीं कर पा रहा था। सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य है।