फोन के अधिक इस्तेमाल का असर प्रजनन क्षमता पर

नई दिल्ली: मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल पुरुषों की सेहत के नुकसान दायक है। चार से पांच घंटे लगातार फोन के प्रयोग से निकलने वाला रेडिएशन शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को कम कर रहा है। भारतीय परिपेक्ष्य में इस बात का पता लगाने के लिए एक अध्ययन किया गया। जिसमें तीन हजार ऐसे पुरुषों को शामिल किया गया, जो दिनभर में आठ से दस घंटे लगातार फोन के संपर्क में रहते हैं।

अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर अध्ययन किया, जिसमें मोबाइल से निकलने वाली रेडियोधर्मी किरणों की क्षमता और उसका शु्क्राणुओं पर क्षमता पर पड़ने वाले असर को देखा गया। सोसाइटी के प्रमुख डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि मोबाइल से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैगनेटिक तरंगे पांच चरण में सेहत को प्रभावित करती है। 400 से दो हजार मेगाहार्टस की फ्रिक्वेंसी वाले मोबाइल को पैंट की जेब में लंबे समय तक रखना, तकिए के नीचे रखकर सोना या फिर घंटो फोन पर बात करना नुकसानदेह हो सकता है। इसका असर शुरूआत में थकावट, चिड़चिड़ापन, ब्लड प्रेशर का बढ़ना और प्रजनन क्रिया में सहायक मेलाटोनिन हार्मोन को कम करता है। डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि 15 प्रतिशत युवा की प्रजनन क्षमता मोबाइल के अधिक प्रयोग से प्रभावित हो रही है। अध्ययन अंतराष्ट्रीय पत्रिका फर्टिल स्टीरिल में प्रकाशित हुआ है।

कैसे हुआ अध्ययन
अध्ययन के तहत पंजीकृत युवाओं के वीर्य को चार भागों में बांटा गया। जिसमें ए श्रेणी में ऐसे युवाओं को शामिल किया गया जो मोबाइल फोन का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करते, बी श्रेणी में दो घंटे, सी श्रेणी में चार घंटे और डी श्रेणी में ऐसे युवाओं को शामिल किया गया जो छह से आठ घंटे नियमित मोबाइल के संपर्क में रहते हैं। अध्ययन में देखा गया कि हानिकारक इलेक्ट्रोमैगनेटिक तरंगे सामान्य स्पर्ममेटोजेनिस को म्यूटेड कर संख्या में कमी कर देती हैं। चार श्रेणी में लिए सैंपल में ए श्रेणी के युवाओं के वीर्य की संख्या अधिक बेहतर देखी गई। जबकि डी श्रेणी के युवाओं के वीर्य औसत क्षमता के थे।

80 प्रतिशत मोबाइल 1900 मेगाहार्टस क्षमता के
ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्यूनिकेशन के अनुसार थर्ड जेनेरेशन के मोबाइल 1900 मेगाहार्टस क्षमता तक की इलेक्ट्रोमेगनेटिक तरंग युक्त बनाए जा रहे हैं। कुछ देशों ने मोबाइल कंपनियों के लिए 400 से 900 मेगाहार्टस तक की क्षमता निर्धारित कर रखी है। जबकि भारत में दो हजार मेगाहार्टस क्षमता तक के मोबाइल बेचे जा रहे हैं।

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