नई दिल्ली,
देश की भावी पीढ़ी को बेहतर उपचार मुहैया कराने के लिए अपोलो ने अपनी 40 साल से भी ज्यादा पुरानी विरासत को आगे बढ़ाया है। दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अपोलो ने आज देश का सबसे एडवांस नेटवर्क “अपोलो चिल्ड्रेन्स”(Apollo Childrens) लॉन्च किया, जहां विभिन्न बीमारियों को लेकर बच्चों की देखभाल, जांच, उपचार और एक बेहतर भविष्य दिया जा सकता है।
देश में मौजूद 40 से ज्यादा अस्पताल इस नेटवर्क का हिस्सा होंगे। यहां 25 से ज्यादा विशिष्ट देखभाल के लिए 400 से ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टर अपने अनुभव और ज्ञान के जरिए बाल चिकित्सा को एक नए मुकाम पर लेने जाने का प्रयास करेंगे। 900 से ज्यादा बिस्तरों की क्षमता वाले इस नेटवर्क में सातों दिन, 24 घंटे बच्चों के लिए बेहतर चिकित्सा उपलब्ध होगी। इतना ही नहीं, आपातकालीन सेवाएं भी संचालित होगीं।
अपोलो चिल्ड्रेन नेटवर्क में जन्मजात विकार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और लिवर विकार, न्यूरो डेवलपमेंटल विकार, हृदय संबंधी स्थितियां, किडनी की बीमारी, ऑन्कोलॉजी और लिवर प्रत्यारोपण तक की सुविधा रहेगी। अत्याधुनिक सुविधाएं, अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता से सुसज्जित इस अपोलो चिल्ड्रेन्स नेटवर्क की प्राथमिकता जरूरतमंद बच्चों को उच्चतम गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करना है।
दरअसल, अपोलो का बाल रोग विभाग न सिर्फ भारत बल्कि अन्य देशों की तुलना में अपनी उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। फिर चाहे वह समय से पहले जन्मे नवजात शिशु की देखभाल हो या फिर बहु-अंग शिथिलता वाले बच्चों की बात हो। अब तक अपोलो व्यापक बाल चिकित्सा देखभाल के मामले में उन्नत उपचार सुविधा देने में अग्रणी रहा है।
इस अवसर पर देश में बच्चों से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव पर जोर देते हुए अपोलो के अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने कहा, “बाल चिकित्सा देखभाल की बात करें तो पिछले 40 वर्ष में अपोलो एक शानदार प्रतिष्ठा बनाने में सक्षम रहा है। हमारे प्रयासों के चलते अपोलो में न केवल भारत बल्कि 50 से अधिक देशों के बच्चों को विश्व स्तरीय देखभाल दी जा रही है। हमारे कुशल बाल रोग विशेषज्ञों के साथ अपोलो चिल्ड्रेन्स को एक वन-स्टॉप डेस्टिनेशन के रूप में डिजाइन किया है जहां बच्चों को उनके स्वास्थ्य के सभी पहलुओं में उच्चतम गुणवत्ता वाली देखभाल मिलेगी। बच्चों के विकास के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करने की आवश्यकता है। इसलिए हमारा लक्ष्य बच्चों को बहुआयामी और सबसे उन्नत देखभाल प्रदान करना है ताकि नए मानक स्थापित किए जा सकें।”
वहीं, अपोलो की कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. प्रीता रेड्डी ने कहा, “अपोलो में हम जो भी मेहनत करते हैं उसका मूल केंद्र रोगी और उसकी देखभाल रहती है। बाल रोग विशेषज्ञों की सबसे बड़ी संख्या, हमारी विरासत और सर्वोत्तम तकनीक के साथ भारत में बाल चिकित्सा देखभाल के क्षेत्र में एक क्रांति लाने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।”
उन्होंने यहां तक कहा है कि अपोलो चिल्ड्रेन्स में अलग अलग बीमारियों के विशेषज्ञ होंगे और एक ऐसा बुनियादी ढांचा होगा जहां बच्चे और उनके माता पिता की चिकित्सा यात्रा को आसान बनाते हुए भारत की बेहतरीन स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं होगीं। अपने व्यापक दृष्टिकोण, अत्याधुनिक तकनीक और परिवार-केंद्रित देखभाल पर जोर देते हुए हम देश में सर्वोत्तम बाल चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में सबसे आगे बने रहेंगे।
अपोलो की प्रबंध निदेशक सुश्री सुनीता रेड्डी ने कहा, “हमारा प्राथमिक उद्देश्य बच्चों के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना है जो व्यक्तिगत ध्यान और उच्चतम स्तर की देखभाल सुनिश्चित करता है। हम मामूली सर्दी-जुकाम से लेकर बड़ी सर्जरी तक, हर कदम पर व्यापक बाल चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम भारत और अन्य देशों के बाल चिकित्सा नैदानिक उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते हैं। हम सभी मामलों को संभालने के लिए क्षमता रखते हैं, जिनमें बहु-विषयक विशेषज्ञता, उपचार और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। हमारा विशेष दृष्टिकोण बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करता है और हम अपने युवा रोगियों को विश्व स्तरीय देखभाल के लिए निपुण चिकित्सा पेशेवरों व अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ उठाना जारी रखेंगे।”
अपोलो हॉस्पिटल्स के दक्षिणी क्षेत्र की सीओओ सिन्दूरी रेड्डी ने कहा: “अपोलो चिल्ड्रेन्स प्राथमिक, माध्यमिक, तृतीयक और चतुर्धातुक सभी स्तर ही चिकित्सा देखभाल प्रदान करेगा, जिससे यह 24*7 बाल चिकित्सा देखभाल के लिए सबसे पसंदीदा स्थान बन जाएगा। अपोलो चिल्ड्रेन्स 25 से अधिक विशिष्टताएं हैं जिनमें बाल चिकित्सा एंड्रोक्रायनोलॉजी, बाल हृदय प्रत्यारोपण, बाल गहन देखभाल, बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी, बाल चिकित्सा रोबोटिक्स, यूरोलॉजी, नियोनेटोलॉजी इत्यादि शामिल हैं।”
अपोलो हॉस्पिटल्स के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर और वरिष्ठ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा, “ बाल चिकित्सा को लेकर अपोलो का अपना एक इतिहास रहा है। मरीज और उनके परिजनों से मिले विश्वास के दम पर ही अपोलो आज बाल चिकित्सा देखभाल में अग्रणी है। दिल्ली का अपोलो इंद्रप्रस्थ अस्पताल साल 1998 में सफल बाल लिवर प्रत्यारोपण करने वाला देश का पहला अस्पताल बना। तब से लेकर अब तक 500 से ज्यादा बच्चों के लिवर प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं। अत्यधिक जटिल बाल चिकित्सा रोबोटिक, बाल चिकित्सा और नवजात हृदय सर्जरी, बोनमैरो प्रत्यारोपण, किडनी प्रत्यारोपण के कई दुर्लभ मामलों में अपोलो अस्पताल ने सफलता हासिल की है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित किया गया। अपोलो चिल्ड्रेन्स के लॉन्च के साथ हमें विश्वास है कि हम देश में समग्र नवजात शिशु, बाल चिकित्सा और किशोर देखभाल प्रदान करने के तरीके पर गहरा प्रभाव डालेंगे।