सिर दर्द, जॉइंट में दर्द, स्ट्रेस से बचने के लिए अगर आप लगातार पेनकिलर खा रहे हैं तो यह दवा आपकी किडनी को डैमेज कर सकती है। लाइफ स्टाइल में बदलाव की वजह से हर साल देशभर में किडनी फेल होने के एक लाख से अधिक मरीजों की पहचान होती है, जिनकी जान बचाने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट की जरुरत होती है। किडनी के डैमेज होने से पहले अगर उसे हेल्दी रखा जाए तो ऐसी नौबत ही नहीं आएगी।
आईएलबीएस के डॉ. विकास जैन का कहना है कि पेनकिलर इतना स्ट्रांग होता है कि इसका असर तुरंत होता है। इसकी वजह से लोगों को इसकी आदत हो जाती है। अगर कोई दो-तीन महीने तक लगातार पेनकिलर खाता है तो उसकी किडनी डैमेज हो सकती है। अक्सर उनके पास यंग मरीज आते हैं, जो सिर दर्द, स्ट्रेस या जॉइंट पेन में पेनकिलर खाते हैं और उनकी किडनी पर इसका असर देखा गया है।
ऐसी दवा ओवर द काउंटर मिलती है और लोग बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर खाने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि किडनी फेल होने पर दो इलाज हैं। एक डायलिसिस और दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट। लेकिन दोनों सुविधा मरीजों को नहीं मिल पाती है। जहां तक डायलिसिस की बात है तो यह खर्चीला है, हर हफ्ते दो-तीन बार डायलिसिस कराना होता है। एक बार डायलिसिस पर लगभग दो हजार रुपये खर्च होते हैं। डायलिसिस में ब्लड तो साफ हो जाता है, लेकिन किडनी का बाकी फंक्शन नहीं हो पाता है, इसके लिए दवा लेनी होती है। कुल मिलाकर 20-25 हजार रुपये हर महीने खर्च होता है। फिर भी मरीज पूरी तरह हेल्दी नहीं
रहता है और अपना पूरा काम नहीं कर पाता।
डॉ. जैन ने कहा कि अगर किसी के परिवार में किसी को किडनी की बीमारी है, ब्लड प्रेशर है, डायबिटीज है तो उन्हें किडनी की बीमारी का खतरा ज्यादा है। इससे बचने के लिए बीच-बीच में किडनी की जांच कराएं। डॉ. जितेंद्र का कहना है कि किडनी यूरिन के जरिए बॉडी से टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। यदि किडनी ठीक नहीं होगी तो ब्लड साफ नहीं होगा और सेहत खराब हो सकती है।