नई दिल्ली,
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने कोरोना की जांच के लिए भारतीय किट के प्रयोग की अनुमति दे दी है। आरटी पीसीआर आधारित दो टेस्ट किट के माध्यम से कोरोना मरीजों के सैंपल की जांच की जाएगी। कोरोना इलाज के गठित टास्क फोर्स ने सोमवार को एक अहम बैठक के बाद इस बात की स्वीकृति दी है। दो किट फिलहाल देश में पांच निजी कंपनियों द्वारा तैयार की जा रही हैं। दोनों ही किट से परिणाम पहले से अधिक बेहतर पाए गए हैं।
आईसीएमआर द्वारा जारी की गई आधिकारित सूचना के जानकारी के अनुसार यूएस एफडीए प्रमाणित किट के साथ ही अब भारतीय किट का भी प्रयोग कोरोना मरीजों के लिए किया जा सकेगा। जिसका निर्माण देश में अभी छह निजी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। प्रारंभिक चरण के शोध में दोनों किट को कोरोना की जांच के लिए सटीक माना गया है। इसके परिणाम शत प्रतिशत देखने के बाद अब जांच प्रणाली में इन दोनों किट को शामिल किया जाएगा। आईसीएमआर के विशेषज्ञों की टीम ने कोरोना की स्क्रीनिंग अधिक बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान से सम्बद्ध पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वेरोलॉजी संस्थान द्वारा भी किट को प्रमाणित किया जा चुका है। संस्थान के मीडिया कोआर्डिनेटर डॉ. लोकेश शर्मा ने बताया कि दोनों किट के कोरोना पॉजिटिव और नेगेटिव में परिणाम शत प्रतिशत देखे गए हैं, कई चरण के अध्ययन के बाद अब स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की सहमति के बाद इसके व्यवसायिक प्रयोग की अनुमति दी गई है। हालांकि नई किट के प्रयोग के साथ ही अब तक प्रयोग की जा रही यूएस एफीडीए और ईयूए प्रमाणित किट भी आईसीएमआर की स्वीकृति के आधार पर प्रयोग की जाती रहेगी।