भारत में सुरक्षित गर्भधारण एक सामाजिक आंदोलन बना : नड्डा

samajनयी दिल्ली, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आज कहा कि सुरक्षित गर्भधारण सामाजिक आंदोलन बन गया है और दावा किया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमवी) के तहत गर्भवती महिलाओं के एक करोड़ से अधिक प्रसवपूर्व परीक्षण किये गये हैं । उन्होंने इस अभियान के प्रति स्वयंसेवा का भाव दिखाने वाले सरकारी एवं निजी डॉक्टरों के प्रति आभार प्रकट किया। अभियान 2016 में शुरु किया गया था। नड्डा ने कहा कि गैर सशक्त कार्य समूह राज्यों में महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्रसव पूर्व परीक्षण हुए हैं जबकि सशक्त कार्य समूह राज्यों में इस संबंध में राजस्थान पहले नंबर पर है। उन्होंने दावा किया कि यह कार्यक्रम देश कठिन और सुदूर क्षेत्र में पहुंचने में सफल रहा है।

मंत्री ने कहा, ‘‘अभियान के तहत एक करोड़ से अधिक प्रसव पूर्व परीक्षण किये गये हैं। इस अभियान ने गर्भवती महिलाओं को हर महीने नौ तारीख को गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व परीक्षण की सुविधा प्रदान की है। अब सुरक्षित गर्भधारण हमारे समाज में एक सामाजिक आंदोलन बन गया है। उन्होंने इस योजना को सहयोग देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भी आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं की अलग-अलग जरूरतों के आधार पर अधिक जोखिम वाले गर्भधारणों की पहचान के लिए 84 लाख हेमोग्लोबिन परीक्षण, 41 लाख गर्भावस्था मधुमेह, सिफलिस बीमारी को लेकर 33 लाख परीक्षण, तथा 15 लाख से अधिक अल्ट्रासाउंड परीक्षण किये गये।

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