नई दिल्ली
16 जनवरी से शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण के लिए सरकार ने मतदान के स्तर की तैयारी की है। स्वास्थ्य मंंत्रालय ने प्रशिक्षण के लिए 26 वर्चुअल प्रशिक्षिण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। टीकाकरण के लिए तीन लाख 70 हजार प्रशिक्षकों को तैयार किया है, जो स्वास्थ्य केन्द्रों पर वैक्सीन लगाएगें। कोरोना वैक्सीन लांच करने की तैयारियों को लेकर मंगलवार को प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया गया।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद कुमार पॉल ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के लिए मतदान स्तर की तैयारी की जा रही है, सरकार इस बारे में बहुत सजग है कि कोरोना टीकाकरण का असर अन्य सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं या योजनाओं पर न पड़े, भारत बड़े स्तर पर यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन या नियमित टीकाकरण कार्यक्रम संचालित करता है। नियमित टीकाकरण और मतदान के अनुभव हमें काफी मदद करेगें, जिससे व्यापक स्तर पर तैयारियों के साथ टीकाकरण किया जा सके। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के संरक्षण और वितरण की व्यवस्था में राज्यों के साथ बेहतर तालमेल बनाया गया है, चार प्रमुख बड़े शहरों वैक्सीन के निर्धारित तापमान में संरक्षण के बाद उन्हें उसी तापमान पर क्षेत्रीय वैक्सीन स्टार तक पहुंचाया जाएगा। डॉ. पॉल ने बताया कि यूपी में सबसे अधिक नौ क्षेत्रीय स्टोर पर वैक्सीन का संरक्षण किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि वैक्सीन की गुणवत्ता और प्रभाव को लेकर भी सभी तरह के मानकों का पालन किया गया है, अन्य देशों की तरह ही भारत की वेैक्सीन भी पूरी तरह सुरक्षित होगी, इसलिए वैक्सीन की विश्वसनियता पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता। पहले चरण में एक करोड़ अधिकारी, दो करोड़ स्वास्थ्य कर्मी और 27 करोड़ पचास साल से अधिक और पचास साल से कम ऐसे लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगाया जाएगा जिन्हें अन्य बीमारियां जैसे मधुमेह, बीपी या आर्थराइटिस की परेशानी है। अभी दो वैक्सीन को कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग की अनुमति दी गई है, जबकि चार अन्य वैक्सीन भी पाइपलाइन में है, जिनके पहले या दूसरे चरण परीक्षण चल रहा है। सरकार इन सभी वैक्सीन पर होने वाले खर्च को लेकर सचेत हैं। हालांकि देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन फ्री लगाया जाएगा, लेकिन कोविशील्ड की 38,50,000 डोज पर प्रति वैक्सीन 206 रूपए और कोवैक्सीन की 55 लाख डोज के लिए सरकार ने प्रति वैक्सीन 295 रूपए वैक्सीन निर्माता कंपनियों को अदा किए हैं।