अनिल कुमार
गुरुग्राम,
वर्ष 2009 में जब मेदान्ता मेडिसिटी अस्पताल बनाया गया था तो तब इस प्रोजेक्ट में सिर्फ अस्पताल नहीं, बल्कि यहां मेडिकल कालेज, रिसर्च सेंटर, नर्सिंग स्टाफ के क्वार्टर, मरीजों के रिश्तेदारों के लिए गेस्ट हाउस समेत कई अन्य सुविधाएं विकसित की जानी थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सिर्फ अस्पताल बनाकर यहां करोड़ों की कमाई की जाने लगी। यहीं नहीं, यहां से कमाए गए धन को दूसरे प्रदेशों में अन्य प्रोजेक्ट पर खर्च किया जाना लगा। जबकि यहां का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। यूं कहें कि प्रोजेक्ट को एक तरह से भुला ही दिया गया।
आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा के मुताबिक उन्होंने जून-2019 में मेदांता मेडिसिटी प्रोजेक्ट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में शिकायत दी थी। इसके बाद ईडी ने हरियाणा पुलिस के पास जांच भेज दी थी। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई सिरे नहीं चढ़ाने पर रमन शर्मा ने अदालत की शरण ली। रमन शर्मा ने तीन दिन पहले ही अदालत में गुहार लगाई थी कि इस मामले में गुरुग्राम पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
मेदांता पर केंद्र, राज्य सरकारों की सदा रही ठंडी नजर
केंद्र व राज्य सरकारों की ठंडी नजर से मेदान्ता मेडिसिटी आज तक बिना किसी बाधा के बदस्तूर चलाया जा रहा है। यहां पर हरियाणा सरकार भी अपने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट को लांच करती है। राष्ट्र व्यापी टीबी अभियान भी यहां पर लांच किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन यहां पहुंचे। यही नहीं, देश के बड़े नेताओं की बीमारियों का भी यहीं पर उपचार होता है। ऐसे में मेदांता की तरफ आखिर कौन आंख उठाता। सभी की छाया में मेदांता मेडिसिटी फलता-फूलता रहा। लेकिन एक आरटीआई कार्यकर्ता के प्रयासों से अब अदालत का मेदान्ता पर हथोड़ा चला और सीधे सीएमडी डा. नरेश त्रेहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई।
मनी लॉन्ड्रिंग व भ्रष्टाचार एक्ट में केस दर्ज
गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल प्रोजेक्ट मामले में गड़बड़ी को लेकर सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहान सहित कई अन्य लोगों व कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार व मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा की याचिका पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार की अदालत ने पुलिस को 24 घंटे के भीतर मामला दर्ज करने का आदेश दिया था, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की। सहायक पुलिस आयुक्त (सदर) अमन यादव ने एफआईआर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस केस में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
52 लोगों के खिलाफ एफआईआर की थी मांग
याचिका में डॉ. नरेश त्रेहन समेत उनके सभी साझेदार सहित 52 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी। अदालत ने अपने आदेश में सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहान, सुनील सचदेव, अतुल पुंज, अनंत जैन के अलावा ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड, पुंज लॉयड को नामजद करने के अलावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के (एचएसवीपी) के मुख्य प्रशासक, एचएसवीपी गुरुग्राम के प्रशासक, संपदा अधिकारी-2 व स्वास्थ्य विभाग के निदेशक के साथ ही मामले से संबंधित अन्य सभी सरकारी अधिकारियों को जवाब तलब किया गया है।